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200 पक्षियों, 500 दुर्लभ जीवों और औषधीय पौधों से भरा प्रकृति का खजाना

 

Mandsaur News: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य जैव विविधता का एक समृद्ध केंद्र बन चुका है। यहां जल और थल दोनों के लिए अनुकूल वातावरण है, जिसके चलते यह अभयारण्य सैकड़ों प्रजातियों के जीव-जंतुओं और वनस्पतियों का घर बना हुआ है।

यहां अब तक 200 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी, 18 प्रकार की मछलियां और 500 से अधिक दुर्लभ वन्य जीवों की मौजूदगी दर्ज की गई है। हाल ही में व्याहगोश (Indian Wolf) जैसे विलुप्तप्राय जीव का भी यहां दिखना इस क्षेत्र की जैव विविधता की पुष्टि करता है। चीतों के लिए भी यह इलाका उपयुक्त माना जा रहा है।

अभयारण्य का कुल क्षेत्रफल करीब 591.94 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें से लगभग 368.62 वर्ग किलोमीटर संरक्षित वन क्षेत्र में आता है। 68 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जलराशि से भरा हुआ है। पक्षियों में विशेष रूप से 7 प्रजातियों के 1000 से अधिक गिद्ध भी शामिल हैं।2021 में किए गए वनस्पति सर्वेक्षण में यहां 500 से ज्यादा पौधों की प्रजातियां दर्ज हुईं, जिनमें 70 संकटग्रस्त और 300 औषधीय महत्व की पाई गईं। ‘अग्निशिखा’ और ‘ब्रीमेक प्लांट’ जैसे दुर्लभ पौधे भी इस इलाके की पहचान हैं।

प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर यह क्षेत्र अब वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरण वैज्ञानिकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।