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Mandsaur News: मंदसौर के इस गांव की एक मंदिर ने बदल दी किस्मत, खुले विकास के नए दरवाजे

मंदसौर के इस गांव की एक मंदिर ने बदल दी किस्मत, खुले विकास के नए दरवाजे
 

Mandsaur News: मंदसौर जिले में एक मंदिर ने गांव की किस्मत में चार चांद लगा दिए हैं। 
मंदसौर जिले में लदूसा गांव इन दिनों 'मालवा की मंडफिया नगरी' के नाम से प्रसिद्ध हो गया है। यहां स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर (सांवलिया सेठजी) की बदौलत पूरा गांव चमक उठा है। लोगों की आस्था ने गांव के लिए विकास के रास्ते भी खोल दिए हैं। अतिक्रमण के कारण तंग गलियां, जर्जर सड़कें व गांव में पसरा अंधेरा सहित कई समस्याएं मंदिर के चलते ही दूर हो गई हैं। 

इस गांव में प्रतिदिन दूरदराज के क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने पर अब गांव के चारों ओर पक्की-चौड़ी सड़कें बनाने की तैयारी हो रही है। यही नहीं पाटोत्सव पर लगने वाले मेले व लोगों की आवाजाही बढ़ने से व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ गई हैं। इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है। अच्छी बात यह भी है कि समिति प्राप्त होने वाली राशि से गांव के विकास पर भी ध्यान दे रही है।

रामेश्वर धाकड़ बताते हैं कि गांव में पहले यह कच्चा मंदिर था। सर्वसमाज के निर्णय के बाद जनसहयोग से इसका निर्माण करवाया। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पूरे गांव की तकदीर बदल गई। मंदिर में हर अमावस्या को महाआरती होती है। इसके एक दिन पहले चौदस को दानपेटियां खुलती हैं। इसमें औसतन 4 से 5 लाख रुपए का चढ़ावा हर माह ही मिल रहा है। बढ़ती प्रसिद्धि की अंदाजा यूं लगाया जा सकता है कि हर माह दानराशि में इजाफा हो रहा है। समिति ने दर्शनार्थियों के विश्राम एवं समिति के कार्यालय के लिए मंदिर के समीप 22 लाख 51 हजार रुपए में जमीन भी खरीदी है। 

समाजसेवी महेश व्यास के मुताबिक पहले गांव तक आने के लिए सिंगल पट्टी सड़क थी। इसके जर्जर होने से परेशानी आ रही थी। मंदिर बनने के बाद श्रद्धालुओं की आवाजाही बढ़ी तो गांव में मंदिर से लेकर चौपाटी तक, दलौदा से लेकर डीगांव माली टूलेन व धुंधड़का से धमनार व्हाया बाबरेचा होकर रोड भी स्वीकृत हो गया है। मंदिर से गांव में आर्थिक समृद्धि आई है। नशे सहित अन्य गलत आचरण से युवाओं ने दूरी बना ली। गांव के एक पहचान यहां के साक्षरता स्तर को लेकर भी है। 

इस गांव के रहने वाले डीआईजी, इंजीनियर, प्रोफेसर, शिक्षक समेत 40 से ज्यादा पदों पर शासकीय विभागों में कार्यरत हैं। कई युवा आर्मी में भी सेवाएं दे रहे हैं।