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MP के 1766 क्षतिग्रस्त पुलों का होगा पुनर्निर्माण, मोहन यादव सरकार हजारों करोड़ रुपये करेगी खर्च

एमपी में कैबिनेट मीटिंग के दौरान प्रदेश के 1766 क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण की योजना को मुख्यमंत्री द्वारा मंजूरी दे दी गई है। इस योजना के लिए डॉ मोहन यादव सरकार हजारों करोड रुपए खर्च करेगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मीटिंग के दौरान प्रदेश में क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण हेतु 4 हजार 572 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। 
 

MP News: मध्यप्रदेश राज्य में क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंत्रि-परिषद की बैठक के दौरान प्रदेश के क्षतिग्रस्त फूलों के पुनर्निर्माण हेतु योजना को मंजूरी दी है।प्रदेश के क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण की योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक 1766 पुलों के पुनर्निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में पुलों के पुनर्निर्माण का कार्य पूर्ण होने के बाद राज्य के करोड़ों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। 

मोहन यादव सरकार प्रदेश के क्षतिग्रस्त फूलों के पुनर्निर्माण हेतु करेगी 4572 करोड रुपए खर्च

एमपी में कैबिनेट मीटिंग के दौरान प्रदेश के 1766 क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण की योजना को मुख्यमंत्री द्वारा मंजूरी दे दी गई है। इस योजना के लिए डॉ मोहन यादव सरकार हजारों करोड रुपए खर्च करेगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मीटिंग के दौरान प्रदेश में क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण हेतु 4 हजार 572 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। 

सरकार द्वारा क्षतिग्रस्त पुलों का पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण कर आमजन को बारहमासी संपर्क सुविधा प्रदान की जायेगी। इस योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनीटिरिंग के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की साधिकार समिति को चुना गया है। इस समिति प्रदेश को क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण के कार्य हेतु समुचित निर्णय लिये जाने की पावर देने के फैसले को कैबिनेट द्वारा  स्वीकृति दी गई है।

कैबिनेट मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्रदेश की लगभग 100 नदियों के उद्गम स्थलों पर करोड़ों रुपए की लागत से पौधों रोपण के कार्य को भी स्वीकृति दी गई है। मीटिंग के दौरान 1 जुलाई से 15 सितंबर 2025 तक “एक पेड़ मां के नाम” अभियान आयोजित करने का भी फैसला लिया गया है।