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छतरपुर जिले में मजदूरों का हो रहा रोजगार खत्म, मशीनों से हो रहा काम 

 

Chhatarpur News: ढिलापुर पंचायत में मनरेगा योजना में लगातार अनियमिताएं हो रही हैं। सरपंच अरुण पटेरिया और सचिव कैलाश दुबे मजदूरों को काम देने की बजाय निर्माण कार्य जेसीबी और ट्रैक्टरों से करवा रहे हैं। डिलापुर निवासी देवेंद्र यादव ने बताया कि खेत और तालाब जैसे कार्यों में मशीनों का खुला उपयोग हो रहा है। इससे स्थानीय मजदूरों का रोजगार छिन गया है। ढिलापुर में सड़क और खेत तालाब का निर्माण चल रहा है।

लेकिन मजदूरों से काम न कराकर मशीनों से कराया जा रहा है। देवेंद्र यादव ने सीईओ जनपद पंचायत को शिकायत दी है। उन्होंने बताया कि करीब 11 लाख रुपए की लागत से काली माता मंदिर से जमुनया पुरवा तक मिट्टी सड़क स्वीकृत हुई है। इस सड़क का पूरा काम जेसीबी और ट्रैक्टर से कराया गया है। मजदूरों को काम नहीं मिलने से वे पलायन को मजबूर हो रहे हैं। पंचायत द्वारा अर्जुन कुशवाहा के खेत में 3 लाख रुपए की लागत से तालाब बनाया जा रहा है। यहां भी पूरा काम मशीनों से हो रहा है।

पंचायत द्वारा फर्जी भुगतान के लिए सहायक यंत्री और उपयंत्री पर दबाव बनाया जा रहा है। जिला पंचायत स्तर पर शिकायतें की गई हैं। उपयंत्री रामप्रकाश गुप्ता ने बताया कि पंचायत ने करीब 70 हजार रुपएका मस्टर प्रस्तुत किया था। लेकिन उस अवधि में मौके पर कोई मजदूर काम करता नहीं मिला। काम भी संतोषजनक नहीं था। इसलिए भुगतान नहीं किया गया।

मौके पर काम न होने से भुगतान रोका

ढिलापुर पंचायत में खेत तालाब और खेत सड़क का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन मौके पर काम संतोषजनक नहीं हुआ है। निरीक्षण के दौरान मौके पर मजदूर भी काम करते हुए नहीं मिले हैं। ऐसी स्थिति में काम का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। - केएस खरे, सहायक यंत्री, जनपद छतरपुर