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नदियों का पानी खेतों में घुसा, केले-हल्दी की फसल चौपट

 

Burhanpur News: सारोला और टिटगांव के बीच बने रपटे पर उफनते पानी के बावजूद यात्रियों से भरी बसें, लोडिंग वाहन और बाइकें पार होती दिखीं, जिससे बड़ा हादसा हो सकता था। बाढ़ के कारण दोनों स्थानों का संपर्क टूट गया है और आवागमन बाधित हो गया। नेपानगर क्षेत्र में इस वर्ष अब तक करीब 40 इंच बारिश दर्ज हुई है; सांईखेड़ा मिल के रिकॉर्ड के अनुसार पिछले चौबीस घंटों में लगभग 97.5 मिमी पानी गिरा, जबकि एक जून से कुल 988 मिमी बारिश हुई है।

ग्रामीण इलाकों में नदियों और नालों का पानी खेतों में घुसा और कई फसलें जमींदोज हो गईं। सांईखेड़ा के किसान अरविंद चौकसे के खेत में कुंडिया नाले का पानी घुसने से हल्दी की फसल नष्ट हो गई। शाहपुर क्षेत्र के कालजी नाले की उफान ने दापोरा सहित लगभग पाँच सौ एकड़ पर लगी केले की फसल तबाह कर दी। आंधी ने लोनी-बहादरपुर में मक्का व केले की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।

स्थानीय लोग और प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुटे हुए हैं, पर किसानों को तत्काल आर्थिक मदद, खेतों की सफाई और पुनरोपण के लिए समर्थन चाहिए।

किसानों ने मुआवजे, बीमा भुगतान और सड़क-नालों की मरम्मत के लिए त्वरित कदम उठाने की मांग की है; वे चाहते हैं कि बीज, उर्वरक और पुनःबुवाई के लिए अनुदान भी तुरंत जारी किया जाए। राहत जरूरी है।