mp news:मध्यप्रदेश में अवैध वसूली रोकने के लिए सरकार सख्त, परिवहन विभाग ने खरीदे 360 बॉडी वॉर्न कैमरे
mp news:मध्यप्रदेश सरकार ट्रक या अन्य वाहनों से अवैध वसूली रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है। इसके लिए नई गाइडलाइन जारी की गई हैं। वही परिवहन विभाग ने 360 नए बॉडी वॉर्न कैमरे भी खरीद लिए हैं। इनकी मदद से चेकिंग अभियान शुरू कर दिए गए हैं। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने बताया कि वाहनों से अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही थी, इसके बाद नई गाइडलाइन के तहत चेकिंग शुरू की गई है। इन कैमरों को डॉकिंग स्टेशन से जोड़ दिया जाएगा। यह कैमरे इसके बाद लाइव फीड देंगे और अधिकारी कहीं से भी चेकिंग प्वाइंट को लाइव देख सकेंगे।
डॉकिंग स्टेशन एक ऐसा स्थान है, जहां बॉडी वॉर्न कैमरों को चार्ज करने के लिए उपकरण लगाए गए हैं। इसके अलावा इन कैमरों का डेटा अन्य उपकरणों में अपने आप ट्रांसफर हो जाएगा। मध्यप्रदेश में ऐसे 45 डॉकिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इनमें से 15 स्टेशनों से रिकॉर्डिंग आनी भी शुरू हो गई है। इस प्रकार अवैध वसूली का अधिकारी तुरंत पता लगा लेंगे और वाहन चालकों को भी इससे राहत मिलेगी।
नई गाइडलाइन के लिए 8 चेकिंग बिंदु
परिवहन विभाग ने जो नई गाइडलाइन जारी की हैं, उनके तहत चेकिंग के लिए 8 बिंदु बनाए गए हैं। यदि इनके आधार पर चेकिंग नहीं हुई तो फिर चेकिंग अभियान में शामिल कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। नई गाइडलाइन के तहत केवल सिपाही और हवलदार वाहनों की चेकिंग नहीं कर सकेंगे। उनके साथ कम से कम सहायक परिवहन उप-निरीक्ष्ज्ञक स्तर के अधिकारी का होना जरूरी है। इसके अलावा यूनिट के साथ ड्राइवर के अलावा कोई भी व्यक्ति चेकिंग के दौरान शामिल नहीं होना चाहिए। चालान केवल पीओएस मशीन से ही काटे जाएंगे। यूनिट एक बार में केवल एक ही वाहन को रोकेगी, दूसरे वाहन को नहीं रोका जाएगा। पहले वाहन को फ्री करने के बाद ही दूसरे वाहन को रोका जा सकेगा। यदि किसी वाहन को बिना किसी कारण 15 मिनट से ज्यादा रोका तो यह माना जाएगा कि चेकिंग यूनिट की मंशा ठीक नहीं है। रात के समय अंधेरे का स्थान नहीं होगा। चेकिंग के कारण कोई दुर्घटना नहीं हो, इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
दो बॉडी वॉर्न कैमरे चालू रखना जरूरी
नई गाइडलाइन के तहत चेकिंग टीम को जांच के दौरान दो बॉडी वॉर्न कैमरे चालू रखना जरूरी होगी। स्टाफ के पास एलईडी बैटन और रिफ्लेक्टिव जैकेट पर्याप्त मात्रा में होनी जरूरी हैं। इनमें से एक कैमरा लाइव मोड में रहेगा। कैमरे को कर्मचारियों या अधिकारियों को आवंटित किया जाएगा। यह कैमरा आवंटित कर्मचारी या अधिकारी के पास ही रहेगा। चेकिंग के दौरान रिकॉर्डिंग मोड में दो कैमरों के अलावा बाकी दूसरे कैमरे स्टैंड बाय मोड में रखे जाएंगे। सरकार का मानना है कि इस प्रकार नई गाइडलाइन के तहत वाहनों से अवैध वसूली को रोका जा सकेगा। इसके अलावा वाहन चालकों को भी इन नए नियमों के बारे में बताया जाएगा।