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MP का यह एक्सप्रेसवे बन गया है मौत का हाईवे, पिछले 4 महीनों में हो चुकी हैं 23 मौतें 

MP का यह एक्सप्रेसवे बन गया है मौत का हाईवे, पिछले 4 महीनों में हो चुकी हैं 23 मौतें 
 

MP News: मध्यप्रदेश राज्य में एक एक्सप्रेसवे पर लगातार हो रहे हादसों के कारण मौत का हाईवे बन चुका है। उज्जैन-बदनावर फोरलेन चार माह में ही जानलेवा साबित हो रहा है। 17 हादसों में 23 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 29 लोग घायल हुए हैं। मुख्य कारण वाहनों का गलत दिशा में चलना और बड़े संकेतक बोर्ड का न होना है। कश्यप फैक्ट्री के पास बने सर्विस रोड से वाहन गलत दिशा में फोरलेन पर चढ़ते हैं। यहां चढ़ने-उतरने के लिए कोई स्पष्ट संकेतक बोर्ड नहीं लगे हैं। यह सर्विस रोड उज्जैन से बदनावर आने के लिए बनाया गया है, लेकिन वाहन चालक इसी से फोरलेन पर चढ़ जाते हैं। वे करीब 4 किलोमीटर तक गलत दिशा में चलते हैं और पंचकवासा के पास बने अंडरपास से सही दिशा में आते हैं। इसी वजह से बड़े हादसे हो रहे हैं। 69 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर सबसे ज्यादा हादसे बदनावर से बोलाना के बीच 13 किलोमीटर के हिस्से में हुए हैं। फोरलेन बनने के बाद वाहनों की रफ्तार बढ़ गई है। कारें 100 किमी प्रति घंटे और भारी वाहन 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रहे हैं। सबसे बड़ा हादसा 12 मार्च को हुआ था।

फोरलेन पर कश्यप फैक्ट्री के पास ओवरब्रिज पर एक गैस टैंकर ने गलत दिशा से आकर दो वाहनों को टक्कर मार दी थी। इसमें कार और पिकअप में सवार 8 लोगों की मौत हो गई थी। दो लोग गंभीर घायल हुए थे। वहीं 26 मई को दो बाइक सवारों की जान गई।

किलोमीटर व गांवों की दिशा गलत अंकित

रतलाम रोड तक फोरलेन बना है, लेकिन नागेश्वर तक टूलेन है। गुजरात से आने वाले वाहन नागेश्वर टूलेन से होकर कश्यप फैक्ट्री के पास फोरलेन पर चढ़ते हैं। यहां भी बड़ा संकेतक बोर्ड नहीं है। कई जगह ब्लैक स्पॉट बन चुके हैं। नागेश्वर से बड़नगर के बीच कई जगह गलत संकेतक बोर्ड लगे हैं। किलोमीटर और गांवों की दिशा गलत अंकित है। इससे वाहन चालक भ्रमित हो जाते हैं। 12 मार्च के हादसे के एसपी सिंह ने उन्होंने निर्माण कंपनी को जरूरी सुधार के निर्देश दिए थे। दो माह बाद भी पालन नहीं हुआ। प्रशासन ने एनएचआई और फोरलेन कंपनी के साथ मार्ग की विजिट की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

तेज रफ्तार से गुजरते वाहन दे रहे हैं हादसे का अंदेशा

इसी हाईवे पर 26 मई को भी दो बाइक सवार गलत दिशा में फोरलेन पर चढ़े और तेज रफ्तार स्कॉर्पियो से टकरा गए। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। एक युवक की गर्दन कटकर 80 फीट दूर जा गिरी थी। लेबड़-नयागांव फोरलेन से रतलाम से झाबुआ की ओर जाने वाले वाहन यू-टर्न लेकर अपनी लेन में आते हैं। यहां भी हादसे का खतरा बना रहता है। फोरलेन पर अंडरपास, सर्विस रोड और इंटरसेक्शन की जरूरत है। स्पीड लिमिट के संकेतक भी नहीं लगे हैं। बामनसुता और ढोलाना के पास सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं। बदनावर से बड़नगर के बीच कई ओवरब्रिज बने हैं। सड़क का लेवल ऊंचा और ढलान वाला है। वाहन तेज रफ्तार में गुजरते हैं। टर्न लेने पर हादसे की आशंका बढ़ जाती है।

अब तक हो चुके हैं कई बड़ी घटनाएं

उज्जैन-बदनावर हाईवे पर 21 फरवरी की रात पंचकवासा के पास दो कारों की भिड़ंत में अहमदाबाद के संदीप सुथार की मौत हुई। 5 लोग घायल हुए।

15 फरवरी को बामनसुता के पास गलत दिशा से आ रहे बाइक सवार को बचाने में कार पलटी। 4 लोग घायल हुए।

11 मार्च की रात ढोलाना के पास तेज रफ्तार वाहन ने पैदल जा रहे कैलाश डावर को कुचल दिया। शरीर क्षत-विक्षत हो गया। 13 मार्च की सुबह नागेश्वर के पास ब्रिज उतरते समय ट्रक और बस की टक्कर हुई। बस में सवार 10 यात्री घायल हुए।

18 अप्रैल को नागेश्वर मंदिर के पास कंटेनर और कार की टक्कर में पूजा जैन की मौत हुई। पति नयन जैन गंभीर घायल हुए।

कमियों को जल्द करेंगे दूर

एसडीएम दीपक चौहान ने कहा कि ह्यदसों की रोकथाम के लिए फोरलेन निर्माण कंपनी और एनएच अधिकारियों से चर्चा की गई है। सबसे बड़ा कारण गलत दिशा में वाहन चलाना है। संकेतक बोर्ड व अन्य कमियों को जल्द दूर करेंगे।