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मप्र के इन 21 गावों का खत्म हो जाएगा अस्तित्व, टूटेंगी हजारों बिल्डिंगें, जाने क्या है कारण 

 
Madhya Pradesh news मध्य प्रदेश के कई गांव पर स्थित समाप्त होने के कारण पर पहुंच चुका है। राज्य के हजारों दुकान मकान मिट्टी में मिल जाएंगे और कई गांव हमेशा से नशे से मिट जाएंगे। ऐसा काली सिंध चंबल लिंक प्रोजेक्ट के कारण होने वाला है।
 काली सिंधी चंबल लिंक प्रोजेक्ट के अंतर्गत गुना जिले में बांध बनाया जाएगा जिससे अनेक गांव डूब जाएंगे। इसका स्थानीय ग्रामीण काफी विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनका कहना है कि यह जमीन काफी ज्यादा उपजाऊ है। महिलाओं के लोगों का कहना है कि राजस्थान के हित के लिए हमारा घर और गांव बर्बाद किया जा रहा है। गांव के लोग अभी गांव छोड़कर जाने को तैयार नहीं है क्योंकि उनका कहना है कि वह अपना पुस्तक मकान खेत खलिहान नहीं छोड़ना चाहते हैं।
 यह प्रोजेक्ट कई नदियों को जोड़ने का एक अहम प्रोजेक्ट है जिससे एमपी राजस्थान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के बीच करार हो चुका है। काली सिंध चंबल लिंक परियोजना से 6 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खेतों की सिंचाई होगी और 11 जिलों को भरपूर पानी मिलेगा।
 इसका निर्माण 72 हजार करोड रुपए की लागत से किया जाएगा और इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 5 साल का लक्ष्य रखा गया है। रिपोर्ट्स की माने तो इस प्रोजेक्ट में बनने वाले अनेक बांधों में एक गुना की घाटा खेड़ी में बनना प्रस्तावित हुआ है। छिछोरा विधानसभा में एक बाँध बनेगा जिससे 16 गांव पूरी तरह से डूब जाएंगे और इनका अस्तित्व खत्म हो जाएगा। इन गांव में 22000 से अधिक लोग रहते हैं और इन गांवों के लोगों का कहना है कि हमें अपना पुश्तैनी जमीन मकान छोड़ना कतई मंजूर नहीं है।
 इस परियोजना से लाखों किसानों को लाभ मिलने वाला है। परियोजना के शुरू होने के बाद सिंचाई में किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी।