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Damoh News: जिले में लोग कर रहे ब्लड डोनेट 

 

Damoh News: विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घोषित विश्व रक्तदाता दिवस हर वर्ष 14 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2004 में की गई थी और इसका उद्देश्य लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा रक्तदाताओं के अमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त करना है। यह दिन समाज के उन नायकों को सम्मानित करने का अवसर होता है जो निःस्वार्थ भाव से रक्तदान कर दूसरों की जान बचाते हैं।

वर्तमान समय में रक्तदान के प्रति लोगों में सकारात्मक परिवर्तन देखा जा रहा है। लोग अब स्वयं आगे आकर समय-समय पर रक्तदान कर रहे हैं। विभिन्न सामाजिक संस्थाएं और अस्पताल समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित करते हैं, जिनके माध्यम से बड़ी संख्या में लोग रक्तदान करते हैं। छतरपुर, दमोह और टीकमगढ़ इन तीन जिलों के ब्लड बैंकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते एक वर्ष में कुल 8686 लोगों ने रक्तदान किया। वहीं इन ब्लड बैंकों के माध्यम से 8366 जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराया गया।

इसमें सबसे ज्यादा जागरूकता दमोह के लोगों में नजर आई, यहां पर एक साल में जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में 5300 यूनिट रक्तदान किया गया जिससे जरूतर पड़ने पर 5277 मरीजों को रक्त दिया गया, टीकमगढ़ जिले में 2500 लोगों ने रक्तदान जिसमें से 2300 मरीजों को रक्त उपलब्ध करया गया, वहीं छतरपुर जिले में सबसे कम सिर्फ 886 यूनिट रक्तदान किया गया, जिसमें से 789 मरीजों को रक्त दिया गया।

टीकमगढ़ः जिले में सबसे ज्यादा 56 बार रक्तदान कर चुके अखिलेश जैन

अखिलेश जैन बताते हैं सन 1999 में उनके परिचित की माताजी बीमार थीं, उन्हें रक्त की जरूरत थी, इसलिए रक्त देने झांसी गए। पहली बार रक्तदान करने के बाद बहुत अच्छा फील किया। इसलिए समय-समय पर रक्तदान करने लगा। वर्ष 2017 में मेरे दोस्त प्रियंक वैद्य की करीब 11 महीने की बेटी ईशानिका की मौत 19 अप्रैल को हो गई।

जबकि अगले माह 25 मई को उसका पहला जन्मदिन मनाया जाना था। हम सभी दोस्तों ने ईशानिका के बर्थ-डे पर जिला अस्पताल में समाजसेवा करने का विचार किया। जब अस्पताल पहुंचे तो अचानक मन में विचार आया कि चलो रक्तदान करते हैं। पांचों दोस्तों ने पत्नी सहित रक्तदान दिया। यहीं से ईशानिका मेमोरियल फाउंडेशन की शुरुआत हुई। मैं स्वयं हर तीन माह में एक बार रक्तदान करता हूं।

दमोह : 60 साल के राकेश अयाची 40 साल में 135 बार कर चुके रक्तदान

दमोह शहर के फुटेरा वार्ड निवासी 60 वर्षीय राकेश अयाची 40 साल से रक्तदान कर रहे हैं, हे हैं, वे 135 बार रक्तदान कर चुके हैं। अयाची बताते हैं कि 1985 से रक्तदान करने का प्रण लिया था और लगातार रक्तदान करते आ रहे हैं। मेरा ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है। मैं अक्सर देखता था कि कई बार लोगों को जरूरत के समय रक्त मुहैया नहीं हो पाता है और मरीज के परिजन भी रक्तदान नहीं करते हैं, यदि डोनर मिल गया तो ठीक वरना यहां वहां भटकते रहते थे, ऐसे जरूरतमंद लोगों की मदद कर उनकी जान बचाने और दूसरों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से रक्तदान करना शुरू किया और यह क्रम अनवरत जारी रहा। मेरे मित्रों, परिचितों ने भी मुझसे प्रेरित होकर रक्तदान करना शुरू किया है।

छतरपुरः 15 साल पहले की थी शुरुआत, 60 बार रक्तदान कर चुके अमित

छतरपुर के अमित जैन ने बड़ी बहन के बीमार होने पर पहली बार रक्तदान किया था। तभी से लगातार क्तदान करते आ रहे हैं। अब तक 60 बार रक्तदार कर चुके हैं। अमित का ब्लड ग्रुप ओ-पॉजिटिव है। बीते 15 साल में हर तीन माह में रक्तदान कर लोगों की मदद कर रहे हैं। जब भी किसी जरूरतमंद को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तो जानकारी लगने पर वे रक्तदान अवश्य करते हैं।