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Chhatarpur News: झुग्गी-झोपड़ी मेंरहने वाले गरीबो को नहीं मिल पाएगा पीएम आवास, एसडीएम ने नहीं जारी किए पट्टे

 

Chhatarpur News: लोग शहर में 1600 गरीब परिवार ऐसे हैं जो सरकारी जमीन पर 10 से 20 साल से झोपड़ी और कच्चे मकान बनाकर रह रहे हैं। लेकिन भू स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज न होने के कारण पीएम आवास योजना 2.0 का लाभ नहीं ले पा रहे। सरकार ने तीन माह पहले इस योजना की दोबारा शुरुआत की थी। इसका मकसद ऐसे लोगों को लाभदेना था जो पहले पात्र होने के बावजूद योजना से वंचित रह गए थे।

छतरपुर की लक्ष्मण कॉलोनी, टीरिया मोहल्ला, दुर्गा कॉलोनी, छुई खदान, नारायणपुरा रोड जैसे इलाकों में लोग वर्षों से रह रहे हैं। लेकिन राजस्व अधिकारियों की लापरवाही के कारण इन्हें अब तक पट्टा नहीं मिला। कई लोगों ने पट्टे के लिए आवेदन किए। लेकिन अधिकारियों ने जांच करना जरूरी नहीं समझा। कुछ आवेदकों के आवेदन बिना जांच के ही ऑनलाइन निरस्त कर दिए गए।

2022 में मुख्यमंत्री नगरीय भू अधिकार योजना के तहत ऐसे लोगों को 30 साल के लिए स्थाई पट्टा देने की योजना बनी थी। इसके तहत 2022-23 में 2050 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किए। ये आवेदन नगर पालिका से तहसील कार्यालय भेजे गए। लेकिन वहां भी जांच नहीं हुई। 2024 में भी वही लोग बार-बार आवेदन कर रहे हैं। लेकिन हर बार उन्हें जांच के नाम पर गुमराह किया जा रहा है।

अब पीएम आवास योजना का सर्वे शुरू हो गया है। लेकिन जिनके पास भू स्वामित्व का कोई दस्तावेज नहीं है, वे योजना के पात्र होने के बावजूद अपात्र माने जा रहे हैं। इससे गरीबों को मकान मिलने की उम्मीद टूट रही है।
दो बार कर चुके आवेदन, जांच का पता नहीं

वार्ड 17 गोकुल धाम कॉलोनी के वीरपाल कुशवाहा ने बताया उसने अपनी पत्नी जानकी कुशवाहा के नाम पट्टा के लिए आवेदन किया था। 14 वर्षों से छतरपुर में मजदूरी कर रहे हैं। आखिरी बार फरवरी 2024 में आवेदन किया था। जब नगर पालिका में पट्टा प्राप्त करने के बारे में जानकारी ली तो वहां से बताया गया कि, आपका आवेदन जांच के लिए एडीएम कार्यालय भेज दिया है। लेकिन एसडीएम कार्यालय से कोई जानकारी नहीं लगी। वीरपाल दोबार पट्टे के लिए आवेदन कर चुका है।

तीन बार कर चुके आवेदन, ट्रैक्स भी दिया

शहर के वार्ड 17 निवासी आंचल बंसल ने बताया वह बीते दो वर्षों में तीन बार पट्टा प्राप्त करने के लिए आवेदन कर चुकी है। वर्ष 2014 में नगर पालिका की टैक्स रसीद भी कटाई गई थी। जिससे वह पट्टा पाने के लिए पात्रता भी रखते हैं। वर्तमान में उनका पूरा परिवार कच्चे मकान में निवास कर रहा है। अभी वर्तमान में पीएम आवास योजना के आवेदन हो रहे है, लेकिन पट्टा न होने की वजह से आंचल बंसल अपना आवेदन नहीं कर पा रही है।

2050 आवेदनों में सिर्फ 69 मिले थे पात्र

मध्यप्रदेश सरकार ने 2022-2023 में शासकीय भूमि के धारकों को धारणाधिकार के तहत स्थाई पट्टा देने की योजना बनाई थी। जिसमें शहर के 2050 लोगों ने आवेदन किए। लेकिन इन आवेदनों की बिना जांच किए ही निरस्त कर दिया गया। वहीं प्रदेश स्तर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान खानापूर्ति करने के करने के लिए मात्र 69 लोगों को को पट्टे का वितरण किया गया। बाकी सभी आवेदन बिना जांच के ही निरस्त कर दिए गए। वहीं नगर पालिका के रिकॉर्ड अनुसार वर्ष 2014 में शासकीय जमीन में निवास कर रहे 1700 लोगों ने अपनी झुग्गी झोपड़ी का टैक्स नगर पालिका में जमा किया था। लेकिन इन लोगों के आज तक पट्टे जारी नहीं हो सके।

पट्टा नहीं, नगर पालिका ने रोकी आखिरी किस्त

शहर के सटई रोड स्थित लक्ष्मण कॉलोनी निवासी जशोदा अहिरवार ने बताया वह छतरपुर में 8 वर्षों से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उन्होंने 2017-18 में नगर पालिका में पीएम आवास के लिए आवेदन किया था। उन्हें दो किस्तों में दो लाख रुपए प्राप्त हो चुके हैं। दो किस्त मिलने के बाद मकान का निर्माण पूरा करा लिया गया। लेकिन अब तीसरी किस्त का लाभ देने के लिए नगर पालिका द्वारा भू स्वामित्व दस्तावेज की मांग की जा रही है। पट्टे के लिए दो बार आवेदन भी कर चुके हैं।

गाइडलाइन जारी होने पर पात्रों को लाभ मिलेगा

पट्टे देने के लिए अभी कोई योजना नहीं हैं। जैसे ही पट्टे बनाने संबंधित गाइडलाइन शासन स्तर से जारी होती है। तो निश्चित तौर पर पात्र हितग्राहियों को मुख्यमंत्री भू स्वामित्व योजना के तहत लाभ

दिया जाएगा। -अखिल राठौर, एसडीएम छतरपुर