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थाई पिंक अमरूद से महिलाओं को मिली नयी राह, आत्मनिर्भरता की खेती बनी आमदनी का जरिया

 

Guna News: गुना जिले के मुहालपुर गांव की महिलाएं अब थाई पिंक अमरूद की खेती से आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही हैं। यहां की गंगा अहिरवार ने तीन साल पहले अपने एक बीघा खेत में 100 थाई पिंक अमरूद के पौधे लगाए और अब हर साल 40 से 50 हजार रुपए तक की आमदनी कर रही हैं। उनकी प्रेरणा से गांव की कई अन्य महिलाओं ने भी इसे अपनाया है।

गंगा अहिरवार बताती हैं कि जब पहली बार गांव में फलदार पौधे बांटे गए थे, तब उन्होंने सबसे पहले पहल की और 100 पौधे लगाए। केवल छह महीने में ही पौधों में फल आना शुरू हो गया। यह अमरूद स्वाद में मीठा, अंदर से गुलाबी और बीजों में मुलायम होता है। इसकी बाजार में अच्छी मांग है।

इस अमरूद की खासियत यह है कि इसमें ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती। सिर्फ छह महीने में एक बार खाद डालनी पड़ती है और पत्तों की सामान्य सफाई ही पर्याप्त होती है। अन्य फलों के मुकाबले यह पौधा जल्दी फल देता है और ऊंचाई भी कम होती है, जिससे फल तोड़ना आसान होता है।

थाई पिंक अमरूद को ‘ताइवान पिंक’ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें विटामिन ए, सी और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इसमें कीड़े भी कम लगते हैं, जिससेउत्पादन टिकाऊ और साफ रहता है। मुहालपुर की महिलाएं अब इस नई खेती के जरिए आर्थिक रूप से मजबूत बन रही हैं।