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मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में खाली पड़े दस हजार पदों पर होगी भर्ती, ​शिक्षक चयन परीक्षा 20 अप्रैल को

मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में खाली पड़े दस हजार पदों पर होगी भर्ती, ​शिक्षक चयन परीक्षा 20 अप्रैल को
 

मध्यप्रदेश सरकार ने अपने प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में खाली पड़े दस हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। कर्मचारी चयन मंडल ने प्राथमिक और माध्यमिक ​शिक्षक चयन की परीक्षा 20 अप्रैल को करवाने की घोषणा की है। यह परीक्षा 13 शहरों में दो सत्रों में ली जाएगी। इसमें प्रदेशभर से एक लाख 60 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे। इस भर्ती से 10 हजार 756 पद भरे जाएंगे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इसके बाद भी अनेक पद खाली रह जाएंगे। 


मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल यानी ईएसबी ने ​शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए 20 अप्रैल को भर्ती परीक्षा करने का ऐलान किया है। इससे प्राथमिक और माध्यमिक ​शिक्षकों की कमी दूर होगी। ईएसबी के अनुसार यह परीक्षा 13 शहरों में आयोजित की जाएगी। इस भर्ती परीक्षा में प्रदेश भर से 1 लाख 60 हजार अभ्य​र्थी शामिल होंगे। यह परीक्षा दो सत्रों में होगी। पहले सत्र की परीक्षा सुबह नौ बजे से 11 बजे तथा दूसरे सत्र की परीक्षा दोपहर बाद तीन बजे से शाम पांच बजे तक होगी। इस समय प्रदेश में 79 हजार 486 ​शिक्षकों के पद खाली हैं। इस भर्ती के बाद भी प्रदेश में लगभग 68 हजार 730 खाली रह जाएंगे। 


विलंब होने पर भर्ती परीक्षा में नहीं दिया जाएगा प्रवेश
परीक्षा के लिए प्रवेश का समय निर्धारित किया गया है। सुबह की परीक्षा नौ बजे शुरू होगी। इसलिए अभ्य​र्थियों को सुबह साढ़े 8 बजे प्रवेश करना होगा। इसके बाद अभ्य​र्थियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। दोपहर बाद होने वाली परीक्षा के लिए तीन बजे से पहले ही प्रवेश करना अनिवार्य होगा, इसके बाद प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी। 


जरूरी कागजात लाने होंगे साथ
भर्ती परीक्षा में प्रवेश के लिए अभ्य​र्थियों को अपना मूल फोटोयुक्त पहचान पत्र लाना होगा। इसमें आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट में से कोई एक कागजात साथ लाना होगा। इसके अलावा आधार कार्ड की फोटोकॉपी लाना भी जरूरी है। इसके बाद सभी अभ्य​र्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन भी होगा। परीक्षा के दौरान किसी भी अभ्यर्थी को मोबाइल फोन, केलकुलेटर या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लेकर जाना मना होगा। यदि ऐसी कोई चीज अभ्य​र्थी के पास पाई गई तो उसे परीक्षा से बाहर कर दिया जाएगा तथा उसके ​खिलाफ केस भी हो सकता है। अभ्यर्थी को केवल काला बॉल पॉइंट पेन और ईएसबी वेबसाइट से डाउनलोड किया गया प्रवेश पत्र साथ लाना जरूरी होगा। 


प्रदेश में ​शिक्षकों की भारी कमी
इस समय मध्यप्रदेश में ​शिक्षकों की भारी कमी है। प्राथमिक स्कूलों में 1 लाख 48 हजार ​शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। इनमें से केवल 1 लाख 40 हजार पद ही भरे हुए हैं जबकि 8 हजार पद अभी तक खाली हैं। यदि माध्यमिक ​स्कूलों में ​शिक्षकों की बात करें तो पूरे प्रदेश में 1 लाख 11 हजार पद स्वीकृत हैं। इनमें से 61 हजार पद भरे हुए हैं। अभी तक 50 हजार पद अभी तक खाली पड़े हैं।

यदि हम उच्च माध्यमिक स्कूलों की बात करें तो यहां पर 42 हजार पद स्वीकृत हैं जबकि इनमें से 21 हजार पद ही भरे हुए हैं। अभी भी इन स्कूलों में 21 हजार पद खाली पड़े हैं। यदि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में खाली पड़े ​शिक्षकों की पदों की बात करें तो यह संख्या 79 हजार 486 है। पिछले पांच साल की बात करें तो इस दौरान 35 हजार 266 ​शिक्षकों की भर्ती हुई है। यह बच्चों व स्कूलों की संख्या को देखते हुए बहुत कम है। इस समय प्रदेश के सभी स्कूलों में 72 हजार अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। वर्ष 2018 से अब तक की बात करें यह आंकड़ा बहुत ही कम है।

2018 में हुई उच्च माध्यमिक ​शिक्षक पात्रता परीक्षा में 1 लाख 84 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इस परीक्षा में 43 हजार 963 युवा पास हुए और उनमें से 11 हजार 817 को नियु​क्तियां मिली। 2018 में ही हुई माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 4 लाख 51 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए और उनमें से 1 लाख 92 हजार पात्र पाए गए। इनमें से 7 हजार 726 को नौकरी मिली। 2020 में ली गई प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा की बात करें तो इस परीक्षा में 5 लाख 89 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए। इनमें से एक लाख 94 हजार पात्र पाए गए। इनमें से 12 हजार 500 को नौकरी मिली। इस बार 10 हजार 756 पदों की भर्ती से शिक्षक संकट कुछ हद तक कम होने की उम्मीद है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश में काफी संख्या में ​शिक्षकों के पद खाली रहेंगे। इससे बच्चों की ​पढ़ाई प्रभावित हो रही है।