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224 गांव में नल-जल योजना चालू, हकीकतः 100 गांव में पानी नहीं

 

MP News: जिला प्रशासन के दावे और हकीकत में काफी अंतर है। एक तरफ, जल जीवन मिशन के तहत 2108 नए घरों में नल कनेक्शन देने का लक्ष्य तय किया गया है। दूसरी तरफ, कई गांवों में करोड़ों रुपए खर्च कर नल लगाए गए हैं, लेकिन कुछ में पानी ही नहीं आ रहा। लोग अब भी निजी बोरवेल और हैंडपंपों पर निर्भर हैं।

रघुनाथपुर, वीरपुर का सहराना, खिरखिरी, हासिलपुर, टर्रा, सुखवास, गोरस और बलावनी जैसे गांवों में नल-जल योजना सिर्फ कागजों में है। ग्रामीण पानी के लिए निजी बोरवेल मालिकों से पैसे देकर पानी खरीदते हैं या हैंडपंप पर घंटों लाइन में लगते हैं। 224 गांवों में नल-जल योजना का काम पूरा होने का दावा किया गया, लेकिन 100 गांवों में यही स्थिति है। जिला पंचायत और जनपद पंचायतों के सदस्य बार-बार आपत्ति कर रहे हैं, लेकिन न भौतिक सत्यापन होता है और न ही जांच।

पीएचई विभाग ने अधिकारियों के सामने बताया कि 308 गांवों में सिंगल विलेज स्कीम के तहत काम चल रहा है। अब तक 224 गांवों में नल-जल योजनाओं का काम पूरा हो चुका है, जबकि 84 गांवों में काम प्रगति पर है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इन गांवों में भी योजना चालू कर दी जाएगी।

स्थानीय लोगों के अनुसार, योजना की दयनीय स्थिति के पीछे मुख्य वजह भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण कार्य है। ठेकेदार कम गहराई में पाइपलाइन बिछाते हैं, खराब सामग्री का उपयोग करते हैं और तकनीकी मानक नहीं अपनाते। कई जगह योजनाएं पूरी होने से पहले ही खराब हो गईं, लेकिन जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

रघुनाथपुर और खिरखिरी में घटिया पाइपलाइन और निर्माण के कारण योजना शुरू होने से पहले ही फेल हो गई। दो-दो बार नल-जल योजना बनने के बावजूद पानी नहीं आया। भोई मोहल्ला, कुम्हार मोहल्ला जैसे क्षेत्र अब भी प्यासे हैं। हासिलपुर और टर्रा में भी लोग हैंडपंप और निजी बोरवेल पर निर्भर हैं। वीरपुर का सहराना और बलावनी में स्थिति और गंभीर है। यहाँ लगे नल केवल दिखावे के लिए हैं।

चंद्रपुरा और सोईकलाः इन गांवों में टंकी और नल लगाए गए हैं, लेकिन पानी नहीं आता। लोग निजी बोरवेल से पानी खरीदकर प्यास बुझाते हैं। विकासखंड मुख्यालय कराहल में भी कई क्षेत्रों में नलों से पानी नहीं पहुंच रहा। अचार वाली आदिवासी बस्ती, चिंताहरण मंदिर क्षेत्र, बांकेबिहारी मोहल्ला, पीतमपुरा बस्ती, नाई मोहल्ला, कुशवाह मोहल्ला और जवाहर कॉलोनी शामिल हैं।

जहाँ नल-जल योजना हैंडओवर होने के बाद भी पानी नहीं पहुंच रहा है, वहाँ संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी और सभी नल-जल योजनाओं का संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।