मध्य प्रदेश मंडीयो में सोयाबीन का व्यापार कमजोर, 200रु तक की गिरावट
सोयाबीन का व्यापार ठंडा पड़ गया अब तक 200 रुपए की भाव गिरावट भी आ गई। सोमवार को मंडी नीलाम में किसानों को करंट वाले भाव नहीं मिले। 4850 वाली प्लांट के खरीदी भाव घटकर 4650 हो गए। 4650 मंडी के भाव थे जो अब गिरकर 4450 पर आ गए। बीज वाला सोयाबीन भी 1500 बोरी बिकने आया। 2172 नामक सोयाबीन बीज में सरताज बना हुआ था, वह भी 5351 के आसपास ही बिकने लगा। लोकल कारोबारी ने इस बीज को खरीदने में अब रुचि दिखाना बंद कर दी है। बीज सिंडिकेट का मानना है सीजन में कोई नया बीज आ गया तो इसके हाल खराब भी हो सकते हैं।
रिस्क वाला व्यापार होने से इसे बाहर के बीज कारोबारी ही खरीद रहे हैं, लेकिन सोमवार को इस प्रकार की खरीदी भी जीरो पर ट्रोल हो गई। भाव घटने का प्रमुख कारण आक्क का प्रेशर के साथ प्लांट के पास स्टॉक बढ़ जाना और धन की कमी से तेजी वाला व्यापार अचानक गिरावट के भाव में बदल गया। सोयाबीन में सरकार रोज मॉडल रेट घोषित कर रही है।
किसानों को तो भाव में नुकसान नहीं हो रहा लेकिन व्यापार 15 दिन में ही पलट गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिका का सोयाबीन चीन द्वारा खरीदे जाने से देश का सोयाबीन और सोया खली देश में ही रह जाने से निर्यात की स्थिति जीरो बताई जाने लगी है। इधर किसान इस समय के भाव नुकसान वाले बताए जा रहे हैं। एक बार 11000 रुपए सोयाबीन बिक चुकी है। वहीं भाव किसान को याद रहने से 5 से 6 हजार के भाव भी नुकसान वाले मानते हैं। इधर मंडी व्यवस्थाओं को लेकर अब किसान जागरुक होकर तोल कांटों पर सावधानी के साथ एक ट्राली पर कम से कम तीन किसान तोल स्थल पर पहुंच रहे हैं। कांटा चेक कर ही खड़े रहकर तोल करवा रहे हैं।
जबकि कुछ किसान देवास मंडी का रूख भी करने लगे हैं। इधर स्टॉक जिनके पास सस्ते भाव का उन्हें नुकसान नहीं है लेकिन सोयाबीन और तेल पर स्पष्ट नीति नहीं होने से किसान और व्यापारी दोनों को ही सोयाबीन में रिस्क लगने लगी है। सूत्रों की खबर में लोकल में सोयाबीन बीज की खरीदी पर मंडी प्रशासन और बीज जांचकर्ताओं की नजर है। डाटा अपडेट के साथ खरीदी में हेराफेरी और अनुबंध कैंसिल पर विशेष नजर रखी जा रही है। यहां अच्छी क्वालिटी का सोयाबीन खरीद कर ग्रेडिंग कर बीज टैग में इसे ऊंचे भाव पर बेच दिया जाता है। इस प्रकार की शिकायत 6 महीने पहले होने पर प्रशासन ने छापामारी की थी लेकिन इसका रिजल्ट नहीं आया।