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सौर ऊर्जा से फिर मिली बिजली, खराब बैटरियों और इन्वर्टर का सुधार

 

Badwani News: विकासखंड के सरकारी अस्पतालों और अन्य कार्यालयों में आठ साल पहले सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए थे। उद्देश्य था वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देना और बिजली बिलों का भार कम करना। लेकिन समय पर रखरखाव न होने के कारण कई संयंत्र खराब हो गए थे। सेंधवा सिविल अस्पताल का 10 किलोवाट का सौर ऊर्जा सिस्टम भी यही हाल रहा।

अब शासन ने खराब बैटरियों और इन्वर्टर को बदलकर संयंत्र को फिर से चालू कराया है। कनेक्शन जोड़ने के बाद सौर ऊर्जा से बिजली मिलने लगी है। अब बिजली कटने पर चार-पांच घंटे तक पंखे, ट्यूबलाइट और अन्य उपकरण चलाए जा सकते हैं।

सौर ऊर्जा संयंत्र का नियमित रखरखाव जरूरी होता है। पैनलों को साफ रखना और पानी वाली बैटरियों में समय-समय पर पानी भरना आवश्यक है। इन कार्यों की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होती है। जब पूरे दिन पर्याप्त सूर्य की रोशनी मिलती है, तो प्रति किलोवाट अधिकतम 6 यूनिट बिजली प्रतिदिन उत्पन्न होती है। बारिश के मौसम में उत्पादन कम हो जाता है।

इस सुधार से अस्पताल और अन्य सरकारी कार्यालयों में बिजली की उपलब्धता बढ़ी है और सौर ऊर्जा का प्रयोग प्रभावी ढंग से होने लगा है। इससे बिजली पर खर्च कम होगा और बिजली कटौती की स्थिति में भी जरूरी उपकरणों को चलाया जा सकेगा।