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जिले में बारिश और बाढ़ का कहर, चार गांव की निचली बस्तियों में पानी घुसा, ट्रैक्टर बह गए, मजदूर फंसे

 

Burhanpur News: खकनार क्षेत्र में मंगलवार दोपहर हुई तेज बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया। दो पहाड़ी बरसाती नदियां और चार नाले उफान पर आ गए। चिल्लारा से लगकर बहने वाली मोहना नदी की बाढ़ के कारण तीन ट्रैक्टर बह गए, जबकि डोईफोड़िया सहित चार गांवों की निचली बस्तियों में पानी घुस गया। बाढ़ से तीन पशुओं की मौत हो गई और खेतों में लगी फसलें भी क्षतिग्रस्त हुईं।

खेरखेड़ा क्षेत्र के खेतों में केला काटने गए दस मजदूर अचानक बढ़ती बाढ़ में फंस गए। उन्होंने ट्रक की पाल बांधने वाली रस्सी का सहारा लेकर मुश्किल से सुरक्षित स्थान तक पहुंचा। वहीं जामुनिया नाले के उफान के बावजूद कई लोग जान जोखिम में डालकर नाले को पार करते नजर आए। तेज बहाव के कारण कुछ बाइक सवार बीच में फंस गए, जिससे बड़ी दुर्घटना होने का खतरा बढ़ गया।

महाराष्ट्र सीमा के पास खकनार के पहाड़ी क्षेत्रों और जंगलों में भी बारिश ने स्थिति बिगाड़ दी। मोहना नदी दोपहर में उफान पर आ गई, और बाढ़ के दौरान तीन ट्रैक्टर नदी पार कर रहे थे, जो बाढ़ की चपेट में आ गए। इन ड्राइवरों की जान तो बच गई, लेकिन तीनों ट्रैक्टर बह गए, जिसमें से दो सीतापुर के पास किनारे लगे और एक का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

डोईफोड़िया, ताजनापुर, सिरपुर और नांदुराखुर्द में बाढ़ के पानी ने निचली बस्तियों और खेतों में घुसकर काफी नुकसान किया। डोईफोड़िया में नाले का पानी बस्तियों में फैल गया, जबकि सिरपुर में उतावली नदी में बाढ़ के कारण खेतों में पानी भर गया। नांदुराखुर्द में बाढ़ ने केले और मक्के के हजारों पौधों को जमींदोज कर दिया और दो खेतों में कुएं धंस गए।

बाढ़ की इस आपदा के बावजूद स्थानीय लोग सतर्क और मददगार बने रहे। कई मजदूरों और ग्रामीणों ने एक-दूसरे की मदद से सुरक्षित स्थान तक पहुंचने का प्रयास किया। प्रशासन और राहत टीमें मौके पर पहुंचकर प्रभावित क्षेत्रों में सहायता प्रदान कर रही हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, जिले में अब तक औसत से कम बारिश हुई है। जिले में अब तक लगभग 25 इंच पानी बरसा है, जबकि सामान्य वार्षिक औसत 26.75 इंच होना चाहिए। हालांकि मौसम विभाग ने अगले दो दिन शहर में बारिश की संभावना जताई है।

इस घटना से यह स्पष्ट हुआ कि तेज बारिश और नदियों के उफान के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों की जरूरत है, ताकि जान-माल की हानि को कम किया जा सके और लोग सुरक्षित रह सकें।