रेल जीएम ने यार्ड रिमॉडलिंग के काम देखे, अधिकारियों से कहा- ट्रेनों को नियमित चलाते हुए काम जल्द पूरा कराएं
Bina News: बीना आगासौद सेक्शन के बीच बिछाई तीसरी रेल लाइन से गाड़ियां चलाने और यार्ड रिमॉडलिंग पर मंथन करने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे की जीएम बीना स्टेशन पहुंची। ऑपरेटिंग, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल विभाग के चीफ ऑफिसरों के साथ यार्ड रिमॉडलिंग को लेकर चर्चा की गई। इसके अलावा बीना-आगासौद के बीच डाली गई करीब सात किलोमीटर रेल लाइन का निरीक्षण भी किया गया। उन्होंने अमृत भारत योजना के तहत पुनर्विकसित होने वाले स्टेशन का मॉडल देख कर गति शक्ति विभाग के अधिकारियों से भी विचार-विमर्श किया।
जीएम सुबह करीब चार बजे जीएम स्पेशल से बीना स्टेशन पहुंची। प्लेटफॉर्म और वीआईपी कक्ष का निरीक्षण कर उन्होंने ऑपरेटिंग विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत यार्ड रिमॉडलिंग का प्रेजेंटेशन देखा। प्रोजेक्टर पर यार्ड के लेआउट, ट्रैक कनेक्शन और संचालन व्यवस्था की रूपरेखा समझाई गई। यार्ड से तीसरी रेल लाइन को जोड़ने, ओएचई लाइन के खंभे शिफ्ट करने, ट्रैक डिलाने और सिग्नल-प्वाइंट कनेक्ट करने पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि बिजली के 36 खंभे शिफ्ट किए जाने हैं जिनकी शुरुआत हो चुकी है।
लगभग एक घंटे की प्रस्तुति के बाद जीएम अधिकारियों के साथ तीसरी रेल लाइन के निरीक्षण के लिए निकलीं। परक से लेकर आगासौद तक लाइन का जायजा लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तकनीकी तथा क्रियान्वयन संबंधी बिंदुओं पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने कहा कि यार्ड कनेक्शन बनने से ट्रेनों के परिचालन में लचक आएगी और अधिक गति से ट्रेनों को चलाया जा सकेगा।
निरीक्षण के दौरान जीएम ने स्टेशन पर यात्रियों के सुविधाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने लॉबी, प्लेटफॉर्म और बुकिंग ऑफिस का अवलोकन किया। प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर संचालित स्टॉल का निरीक्षण कर वेंडर से खाने की सामग्री व भाव पूछे। अनारक्षित टिकट काउंटर पर महिला बुकिंग क्लर्क से पूछा गया कि जनरल टिकट लेने वालों की भीड़ कब सबसे ज्यादा होती है और एक टिकट देने में औसतन कितना समय लगता है। उन्होंने महिला शौचालय और रनिंग रूम का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के समापन पर जीएम ने कहा कि यार्ड से तीसरी लाइन के कनेक्ट होने के बाद स्टेशन की सूरत बदल जाएगी और परिचालन अधिक सुव्यवस्थित होगा। निरीक्षण के बाद वह अन्य गंतव्य के लिए रवाना हो गईं।
साइट पर एक कम्युनिटी हॉल का लोकार्पण भी किया गया जिसकी लागत करीब एक करोड़ बत्तीस लाख रुपये है। हॉल निर्माण में यूनियन पदाधिकारियों का योगदान रहा।
अमृत भारत योजना के तहत बीना स्टेशन को करीब बयासी करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकसित किया जाना है। डिजाइन तैयार है और गति शक्ति विभाग ने फाइन मॉडल दिखाकर पूरी कार्ययोजना समझाई। प्रस्तावित योजना में दस प्लेटफॉर्म, फुट ओवरब्रिज, पार्किंग क्षेत्र तथा अलग-अलग डिपो का समावेश है। स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में स्थित हनुमान मंदिर को शिफ्ट करने का भी प्रावधान रखा गया है ताकि पुनर्विकास में सहजता रहे। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि यार्ड रिमॉडलिंग करते समय यात्रियों की सुविधा और ट्रेनों के नियमित परिचालन को प्राथमिकता दी जाएगी। काम के चरणवार निष्पादन और ब्लॉकों के समयबद्ध उपयोग से न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने के उपाय किए जा रहे हैं। योजना के अनुरूप कार्य संपन्न होने पर परिचालन क्षमता में वृद्धि के साथ यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
निरीक्षण के दौरान तकनीकी तथा प्रशासनिक चुनौतियों, काम की समय-सीमा तथा संसाधनों पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों का मानना है कि समन्वित प्रयासों और नियोजित ब्लॉकों के उपयोग से यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकेगा और स्टेशन का आधुनिकीकरण यात्रियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
निरीक्षण के दौरान जीएम ने प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर कुशाल सिंह, प्रिसिंपल चीफ सिग्नल एंड टेलीकॉम इंजीनियर एकनाथ मोहकर, प्रिसिंपल चीफ इंजीनियर आशुतोष और डीआरएम पंकज त्यागी के साथ मंथन किया। अधिकारियों ने बताया कि यार्ड रिमॉडलिंग के लिए बिजली के 36 खंभे शिफ्ट किए जाने हैं; इसकी शुरुआत हो चुकी है और पहले चरण में दो दिनों में 50-50 मिनट का ब्लॉक लेकर चार खंभे शिफ्ट किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आगे का काम चुनौतीपूर्ण होगा और नियमित ट्रेनों का परिचालन बनाए रखकर चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
जीएम ने आश्वासन दिया कि यात्री सुविधाओं में तेज सुधार दिखेगा और एक माह के भीतर परिवर्तन नजर आएगा।