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जेल में बंदियों को फर्नीचर बनाने और सिलाई का प्रशिक्षण मिलेगा

 

Tikamgarh News: जिला जेल टीकमगढ़ में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना शुरू हो गई है। जेल प्रशासन ने शासन से स्वीकृति प्राप्त कर 60 पुरुष और 3 महिला बंदियों को सिलाई और कारपेंटरी का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। प्रशिक्षण के बाद बंदी जेल में ही फर्नीचर और कपड़े बनाने का काम करेंगे। सरकारी विभागों और निजी संस्थाओं से ऑर्डर लेकर यह उत्पादन किया जाएगा।

जेल अधीक्षक यजुवेंद्र वाघमारे ने बताया कि बंदियों को हुनर सिखाने का मुख्य उद्देश्य उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है ताकि रिहा होने के बाद वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें और बेहतर जीवन जी सकें। काम सीखने से बंदियों को रोजगार मिलेगा और वे अपराध की दुनिया से दूर रहेंगे।

वर्तमान में जेल में कारपेंटर का काम सीखने वाले बंदी नहीं हैं, इसलिए सागर सेंट्रल जेल से प्रशिक्षित बंदियों की मांग की गई है। यदि वहां से बंदी नहीं मिल पाए तो आईटीआई के जरिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा कुछ एनजीओ भी नए उद्योग स्थापित करने में सहयोग कर रहे हैं।इस पहल से जेल का माहौल भी सुधरेगा और बंदी व्यस्त रहेंगे। प्रशिक्षण के लिए जरूरी उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है। यह योजना बंदियों के सामाजिक सुधार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।