मध्यप्रदेश में पांच जिलों को मिलाकर मेट्रोपोलिटन सिटी बनाने की योजना
मध्यप्रदेश में पांच जिलों को मिलाकर एक मेट्रोपोलिटन सिटी बनाने की योजना है। इनमें भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर और राजगढ़ जिले को शामिल किया जाएगा। इन सभी जिलों के सभी शहरों और गांवों को आपस में जोड़ा जाएगा। अगले 14 महीने में इन जिलों का सर्वे करवाकर रीजनल डेवलपमेंट एंड इंवेस्टमेंट प्लान तैयार किया जाएगा। इस योजना के आधार पर भोपाल को मेट्रोपोलिटीन सिटी बनाया जाएगा।
इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए बुधवार को संभागयुक्त संजीव सिंह के कार्यालय में सभी पांचों जिले के कलेक्टर्स की बैठक हुई। इसमें बीडीए के सीईओ श्यामवीर सिंह ने इसके बारे में अपनी प्रेजेंटेशन भी दी। इसमें डीपीआर को लेकर बात रखी गई। इसमें पूरी रुपरेखा को अधिकारियों के सामने रखा गया।
8 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करने की योजना
संभागायुक्त ने बताया कि इन पांचों जिलों के 8 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को इसके तहत कवर किया जाएगा। इसमें भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर और राजगढ़ शामिल किया गया है। इन सभी जिलों को जोड़ने के बाद इस महानगर की आबादी 35 लाख हो जाएगा। सभी शहरों और गांवों को एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा। इस पूरी योजना को चार चरण में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में इसके लिए टीमों का गठन, सर्वे करवाना, बैठक करके पूरी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए वर्कप्लान फाइनल करना, सभी विभागों का सर्वे करवाकर सभी 18 विभागों का डेटा जुटाने का काम किया जाएगा। आखिरी चरण में इंजीनियरिंग, लागत और अनुमान तय करके वर्कप्लान की डीपीआर तैयार की जाएगी। इसके लिए 2 जून को डीपीआर बनाने के लिए टेंडर निकाला जाएगा। टेंडर लेने वाली कंपनी को डीपीआर बनाने का काम सौंपा जाएगा। इस डीपीआर के लिए 18 विभागों से डाटा मांगा गया है।
मेट्रोपोलिटन सिटी में शामिल होने वाली तहसील
इस मेट्रोपोलिटन सिटी में भोपाल जिले की हुजूर, बैरसिया, कोलार, विदिशा जिले की विदिशा शहर, ग्यारसपुर, गुलाबगंज, रायसेन जिला जिले की रायसेन, औबेदुल्लागंज, गौहरगंज, सीहोर जिले की सीहोर शहर, आष्टा, इच्छावर, श्यामपुर, जावर व राजगढ़ जिले की राजगढ़, नरसिंहगढ़, पचोर को शामिल किया जाएगा।
मेट्रोपोलिटन सिटी के लिए यह होंगे काम
मेट्रोपोलिटन सिटी बनाने के लिए इन सभी पांचों जिलों के सभी गांवों और शहरों को एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा। किसी भी गांव या शहर से आप दूसरे किसी भी गांव या शहर जा सकते हैं। सभी सड़कों को भी एक-दूसरे से जोड़कर यातायात आसान किया जाएगा। उद्योगों का विकास किया जाएगा, इन सभी जिलों में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी गांवों को सैटेलाइटज से चिन्हित किया जाएगा। सभी जिलों में ठोस निस्तारण का उचित प्रबंध किया जाएगा। इसके लिए कचरा डिस्पोजल और सीवेज सिस्टम को भी आबादी के हिसाब से विकसित किया जाएगा।