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Bina News: पानी की व्यवस्था करने के लिए सुबह से जुटे है लोग 

 

Bina News: रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व अंतर्गत नौरादेही रेंज का आदिवासी बाहुल्य रमखिरिया ग्राम की आबादी 250 है। यहां सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सविधाओं का अभाव है। गांव के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है।इसकी मुख्य वजह रमखिरिया गांव का अभयारण्य का विस्थापन सूची में होने के कारण लोगों को सरकारी सुविधाएं बंद कर दी हैं। यहां लोग कई वर्षों से पीने के पानी की समस्या से जूझना रहे हैं।

गांव में एक सार्वजनिक कुआं है। जिससे गांव के लोग सुबह से देर रात तक पानी के लिए जद्दोजहद करते रहते हैं। गांव में दो हैंडपंप हैं, लेकिन बहुत कम पानी होने से गर्मियों में परेशानी होती है। इन दिनों भीषण गर्मी में पेयजल संकट हो गया है। लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। बता दें गांव के अधिकांश लोग खेती और मजदूरी पर आश्रित हैं। जंगल में महुआ, तेंदूपत्ता तोड़कर अपना जीवन यापन करते हैं। पानी की समस्या के चलते लोग मजदूरी करने भी नहीं जा पाते हैं।

हर घर का सदस्य खाली कुप्पा और बर्तन लेकर साइकिल और मोटर साइकिल से हैंडपंप, कुआं की ओर आते-जाते देखे जाते है। एक मात्र कुएं में जलस्त्रोत अच्छा होने से लोगों की भीड़ रहती है। आदिवासी महिला आरती ने बताया घंटों हैंडपंप चलाते हैं, तब कहीं 1-2 कुप्पा पानी मिल पाता है। रामपाल गौड़ ने बताया हैंडपंप में कम पानी आता है, रात 12 बजे तक पानी भरने भीड़ रहती है।

इस संबंध में रमखिरिया सरपंच मुकेश गौड़ ने बताया कि रमखिरिया गांव एक साल बाद विस्थापित होना है, इसलिए शासन द्वारा यहां कार्यों पर रोक लगा दी है। गांव में कच्ची सड़क दलदल में तब्दील हो गई है, चारों ओर गंदगी का आलम है।