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MP News: मप्र में आठ साल में बढ़ीं 1400 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां सीएम हेल्पलाइन में इसी साल 11300 से अधिक शिकायत

 

MP News: मध्य प्रदेश में अवैध कॉलोनियां खत्म होने की जगह लगातार बढ़ रही हैं। प्रदेश में 8 साल में 1400 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां बढ़ चुकी हैं। इन कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाएं नहीं होने के कारण इसी साल सीएम हेल्पलाइन में 11,300 से अधिक शिकायतें हुई। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि 2016 में मध्य प्रदेश में 6,077 अवैध कॉलोनियां थीं। मार्च 2024 तक, यह संख्या बढ़कर 7,981 हो गई, जिसमें लगभग 1,904 नई अनधिकृत बस्तियां थीं। वहीं अब इससे जुड़ी एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सीधी जिले में अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। अदालत ने चार सप्ताह में जवाब मांगा है। जानकार बताते हैं कि कोर्ट का यह आदेश अब सिर्फ सीधी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे प्रदेश के उन शहरों पर असर डालेगा जहां कॉलोनाइजर एक्ट 2021 के बाद भी धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं।

खरगोन, नर्मदापुरम और सागर में अधिक शिकायत

अवैध कॉलोनियों से संबंधित सबसे अधिक शिकायतें खरगोन (878), नीमच (714), नर्मदापुरम (438), सागर (435) और शिवपुरी (368) में हुई है। हालांकि सीएम हेल्पलाइन में की गई इन शिकायतों में अवैध कॉलोनी के साथ अवैध निर्माण की भी शिकायतें शामिल हैं। इन जिलों के बाद मंदसौर में 358, भिंड में 350, धार में 349, छत्तरपुर में 333, रायसेन में 299, गुना में 283, उज्जैन में 256, सीहोर में 244, टीकमगढ़ में 232 और विदिशा में 199 शिकायतें एक साल में दर्ज हुई हैं। मुरैना में 169, देवास में 155 और दमोह में 137 शिकायतें अवैध कॉलोनी और निर्माण की हुई है। बैतूल में 365 कॉलोनी अनधिकृत रूप से विकसित की गई। हरदा में 30 अवैध कॉलोनी है।

ये है पूरा मामला

समाजसेवी मधवेश तिवारी ने सीधी मामले में हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की। याचिकाकर्ता मददगार इंसाफ दस्ता की ओर से अधिवक्ता विकास मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि सीधी नगर पालिका परिषद क्षेत्र में कुछ बिल्डर और भूमि माफिया बिना किसी अनुमति के अवैध कॉलोनियां विकसित कर रहे हैं। न्यायमूर्ति संजीव सचदेव एवं न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने इस मामले में शासन से चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी कृषि भूमि पर बिना अनुमति के कॉलोनाइ‌जेशन (कस्बे या कॉलोनी बसाना) नहीं किया जाए।

अवैध कॉलोनी में रहने वाले लोगों का क्या?

मानसून सत्र के दौरान सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया था कि वे अवैध कॉलोनी को वैध नहीं करेगी। बल्कि अवैध कॉलोनी पर रोकथाम के लिए सख्त कानून बनाएगी। उस दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्पष्ट किया था कि अवैध कालोनियों को वैध नहीं किया जा जा रहा, पर वहां नागरिक सुविधाएं मिल जाएं, अधोसंरचना का विकास हो, रहवासी भवन अनुज्ञा ले सकें, यह काम अवश्य जनहित में किया जा रहा है।