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मॉडल कॉलेज में 1180 सीटों में से केवल 15 सीटों पर हुआ प्रवेश, कई समस्याएं बनीं वजह

 

Chhatarpur News: शहर के शासकीय आदर्श महाविद्यालय में 1180 सीटों पर एडमिशन प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक केवल 15 छात्रों ने ही एडमिशन लिया है। यह कॉलेज शुरू होने के दो साल बाद भी सीटों पर दाखिला नहीं हो पा रहा है। पहले राउंड में 10 छात्रों ने और दूसरे राउंड में केवल 5 छात्रों ने ही फीस जमा की है। कॉलेज में एडमिशन नहीं हो पा रहे हैं, इसके कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है कॉलेज का भवन पूरा नहीं होना, यातायात के साधन की कमी और कॉलेज की अनदेखी।

आदर्श कॉलेज को नीति आयोग की आकांक्षी जिला योजना के तहत शुरू किया गया था। इसे छतरपुर और दमोह जिलों में शुरू किया गया था। कॉलेज का भवन छतरपुर में हमा की काली देवी मंदिर के पास बनाया गया है, लेकिन यह बस स्टैंड से 5 किलोमीटर दूर है और इसके पास कोई सार्वजनिक परिवहन सुविधा नहीं है।

कॉलेज से जुड़ी जानकारी के अभाव में कई छात्रों ने एडमिशन लेने में रुचि नहीं दिखाई है।कॉलेज में बीए, बीकॉम और बीएससी के लिए 1180 सीटें रखी गई थीं, जिनमें से 500 सीटें बीए, 200 सीटें बीकॉम और 480 सीटें बीएससी के लिए हैं। बीएससी में 4 विभिन्न प्रकार के कोर्स हैं, लेकिन इन सीटों पर भी अब तक एडमिशन नहीं हो पाए हैं। पहले और दूसरे राउंड में तो केवल 15 छात्रों ने एडमिशन लिया है, जबकि 1165 सीटें अभी भी रिक्त हैं।

कॉलेज का संचालन पिछले दो सालों से अतिथि विद्वानों के भरोसे हो रहा है, क्योंकि स्थायी प्राचार्य और सहायक प्राध्यापक के पद खाली हैं। कॉलेज में प्राचार्य के साथ-साथ लिपिक के भी 12 पद रिक्त हैं। कॉलेज का पूरा संचालन 5 अतिथि विद्वानों पर निर्भर था। इसके बावजूद कॉलेज के संचालन में कोई खास सुधार नहीं आया है। कॉलेज में स्टाफ की कमी के बावजूद यहां एडमिशन प्रक्रिया में कोई खास सफलता नहीं मिल रही है।

कॉलेज के प्रवेश में देरी होने के मुख्य कारणों में प्रमुख हैं: कॉलेज भवन का निर्माण अधूरा होना, कॉलेज तक पहुंचने के लिए यातायात की समस्या, कॉलेज प्रशासन द्वारा एडमिशन प्रक्रिया का प्रचार-प्रसार न होना और कॉलेज के नाम से छात्रों में आकर्षण की कमी। इसके अलावा, कॉलेज का प्रबंधन एडमिशन के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं कर रहा है।

दमोह के मॉडल कॉलेज की भी हालत खस्ताहाल है, जहां पिछले तीन सालों से छात्र एडमिशन लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। दमोह कॉलेज में पहले साल 9, दूसरे साल 27 और तीसरे साल केवल 7 छात्रों ने एडमिशन लिया। जबकि कॉलेज में स्टाफ की कमी नहीं है, फिर भी छात्र नहीं आ रहे हैं।

ऐसे में आदर्श कॉलेज और मॉडल कॉलेज को चलाने और यहां प्रवेश प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार को शीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता है। छात्रों को कॉलेज तक पहुंचने के लिए सुविधाएं और बेहतर प्रचार-प्रसार की जरूरत है, ताकि भविष्य में कॉलेज की सीटें भर सकें।