MP News: अब मोबाइल खरीदो बेफिक्रः हैंडसेट खरीदते समय इस एप से तुरंत मिलेगी असली-नकली की जानकारी, चोरी या फ्रॉड का है तो भी चल जाएगा पता
MP News: मध्यप्रदेश पुलिस ने हाल ही में हुई कार्रवाई में प्रदेशभर से 26 हजार से ज्यादा चोरी के हैंडसेट जब्त किए, जिनकी अनुमानित कीमत 10 करोड़ रुपये से अधिक है। ये मोबाइल बाजार में पहुंच जाते तो आम लोग इन्हें अनजाने में खरीद लेते और बाद में जांच में पकड़े जाने पर बड़ी मुश्किल में फंस सकते थे। इसी तरह डुप्लीकेट और नकली मोबाइल खरीदने का भी खतरा हमेशा बना रहता है। जिससे आम व्यक्ति ठगा सकता है। लेकिन अब इसकी चिंता करने की जरूरत
नहीं है। पुराना मोबाइल खरीदते समय यह डर नहीं रहेगा कि कहीं वह चोरी का तो नहीं है, और नया मोबाइल लेते वक्त भी डुप्लीकेट या नकली सेट का झंझट नहीं होगा। संचार साथी पोर्टल या एप की मदद से कोई भी व्यक्ति तुरंत यह पता कर सकेगा कि उसका खरीदा गया मोबाइल चोरी, साइबर फ्रॉड या अन्य आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है या नहीं। साथ ही यह भी साफ हो जाएगा कि नया मोबाइल डुप्लीकेट या नकली तो नहीं है। ऐसे में किसी भी तरह की पुलिस कार्रवाई या ठगी से आप बच सकते हैं।
नये मोबाइल में डुप्लीकेसी कैसे पहचानें
अगर आप नया मोबाइल खरीद रहे हैं तो सबसे पहले उसका 15 अंकों का आईएमईआई नंबर देखें। यह नंबर मोबाइल की डिब्बी और सेट दोनों पर लिखा होता है। संचार साथी एप या पोर्टल पर यह नंबर डालते ही साफ हो जाएगा कि फोन असली कंपनी का है। या डुप्लीकेट। असली मोबाइल का आईएमईआई यूनिक होता है, जबकि नकली या डुप्लीकेट मोबाइल में अक्सर वही नंबर दोबारा इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में एप तुरंत अलर्ट देगा और खरीदार को पता चल जाएगा कि मोबाइल असली है या नकली।
पुराना मोबाइल चोरी का तो नहीं, ऐसे करें पता
पुराना मोबाइल खरीदते समय सबसे बड़ा डर यही रहता है कि कहीं वह चोरी का तो नहीं है। अब यह डर भी खत्म हो गया है। मोबाइल का आईएमईआई नंबर डालते ही संचार साथी पोर्टल और एप यह बता देंगे कि यह फोन कहीं चोरी की रिपोर्ट में दर्ज है या किसी साइबर फ्रॉड या अन्य अपराध में इस्तेमाल हुआ है। अगर मोबाइल क्लीन है तो एप क्लियर रिपोर्ट दिखाएगा और आप निश्चिंत होकर उसे खरीद सकते हैं। इस तरह खरीदार पुलिस या कानूनी परेशानियों से बच सकता है और भरोसे से सेकंड हैंड मोबाइल ले सकता है।