स्कूलों में गैस नहीं, लकड़ी-कंडे पर बन रहा मध्याह्न भोजन
Chhatarpur News: ईशानगर ब्लॉक के पिपौरा खुर्द के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में आज भी बच्चों का मध्याह्न भोजन लकड़ी और कंडे पर बनाया जा रहा है। शासन के आदेश और उपलब्ध गैस सिलेंडर होने के बावजूद खाना पुराने तरीके से ही पकाया जा रहा है।
महिला स्व-सहायता समूह की लड्डू यादव, राधा पाल और जसोदा ने बताया कि धुएं के कारण खाना बनाना मुश्किल हो रहा है। इससे बच्चों और रसोई में काम करने वाली महिलाओं की सेहत पर असर पड़ रहा है। स्कूल प्रबंधन ने कुछ समय पहले गैस सिलेंडर और चूल्हा दिए थे, लेकिन अब वे गायब हैं।
केंद्र और राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में सभी सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को गैस सिलेंडर और चूल्हा उपलब्ध कराए थे। स्व-सहायता समूह को भोजन बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बावजूद कई स्कूलों में लकड़ी, कंडा और सूखे पत्तों से खाना बनाया जा रहा है।
खाना बनाने के लिए आसपास के खेतों और जंगलों से लकड़ी लाई जाती है। कभी-कभी हरे-भरे पेड़ों को भी काटा जाता है, जिससे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है। हर महीने सैकड़ों क्विंटल लकड़ी जलने से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में खाना बनाने के दौरान उठने वाला धुआं बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है। अधिकारियों ने कहा कि इस मामले की जांच कल की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।