शहर में हादसों के नए ब्लैक स्पॉट, सुरक्षा इंतजाम नहीं किए जा रहे
Tikamgarh News: जिले के तीन ब्लैक स्पॉट पलेरा का पटपरा तिगेला, बल्देवगढ़ का करमासन घाट और बानपुर रोड मुक्तिधाम में करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च कर संकेतक और स्पीड ब्रेकर बनाए गए। इसके बाद तीन साल में इन स्थानों पर कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। इसके विपरीत शहर के अन्य हिस्सों में सुरक्षा इंतजामों की अनदेखी के कारण ब्लैक स्पॉट बढ़ रहे हैं।
हाल ही में शहर में केंद्रीय मंत्री के आवास, नया बस स्टैंड और अस्पताल चौराहे के पास तीन नए ब्लैक स्पॉट सामने आए हैं। ईदगाह के सामने केंद्रीय मंत्री के बंगले के पास 50 मीटर दूरी पर सबसे बड़ा ब्लैक स्पॉट बन गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, पिछले तीन महीनों में यहां छह दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। 12 सितंबर को बाइक सवार ने एक महिला को टक्कर मार दी थी।
मुख्य कारण नंदीश्वर कॉलोनी के द्वार के सामने से निकली डिवाइडर युक्त सड़क पर स्पीड ब्रेकर और बेरीकेड्स का न होना बताया गया है। इससे पैदल रास्ता पार करना भी मुश्किल हो गया है। 12 सितंबर को नंदीश्वर कॉलोनी की निवासी शोभा सिंघल और उनकी बेटी पैदल बाजार जा रही थीं, तभी तेज रफ्तार बाइक चालक से टकराकर महिला दूर गिर गई। रात के समय यह समस्या और गंभीर हो जाती है।
नया बस स्टैंड के मुख्यद्वार और अस्पताल चौराहे पर भी सुरक्षा इंतजाम अधूरे हैं। बस स्टैंड के बाहर तेज रफ्तार बाइकों के कारण पहले भी बच्चे की मौत हुई थी। अस्पताल चौराहे पर बेरीकेड्स लगाए गए, लेकिन वाहनों की बेतरतीब आवाजाही रोकने के ठोस कदम नहीं उठाए गए।
शहर में भारी वाहनों के प्रवेश रोकने के लिए तालाब विसर्जन घाट, ताल दरवाजा की ढलान और घंटा घर के पास गाटर लगाए गए थे। लेकिन ट्रकों के टकराने से ये गाटर क्षतिग्रस्त हो गए। स्टेट हाइवे पर बनाए गए चार ब्लैक स्पॉट बल्देवगढ़ करमासन घाट, पलेरा पटपरा तिगेला, टीकमगढ़ पठा जटऊआ तिगेला और नया बस स्टैंड सुरक्षित बने हुए हैं, लेकिन शहर के अन्य चौराहों में स्पीड ब्रेकर गड्डों में तब्दील हो गए हैं।
नंदीश्वर कॉलोनी मुख्य सड़क पर हादसों को रोकने के लिए केवल स्पीड ब्रेकर ही प्रभावी उपाय हैं। इस दिशा में यातायात विभाग ने जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है। इसे आगामी सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में रखा जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि शहर में बढ़ती वाहन संख्या और लापरवाही से ब्लैक स्पॉट लगातार बढ़ रहे हैं। जरूरी है कि समय रहते ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि पैदल और वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।