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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही, रसीद और दवाई वितरण का हिसाब नहीं मिला

 

Burhanpur News: एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संसाधन और सुविधाओं की कमी के साथ-साथ कर्मचारियों की लापरवाही भी सामने आई है। केंद्र में रोगी कल्याण समिति के माध्यम से मरीजों से दस- दस रुपए की राशि वसूली जाती है, लेकिन कर्मचारियों ने इसका सही रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं कर पाया। मौजूद स्टाफ ने एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते हुए कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

ओपीडी में दवाई वितरण का हिसाब भी व्यवस्थित रूप से रखा नहीं गया था। अस्पताल में गंदगी नजर आई और जगह-जगह जाले व ड्रेसिंग रूम में पुराने कचरे की बाल्टियां रखी हुई थीं। कर्मचारियों ने दवाई वितरण और रोगी कल्याण राशि का रजिस्टर अपडेट नहीं किया था।

अस्पताल में चार कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। इसके अलावा वाहन भी बेतरतीब ढंग से खड़े थे, जबकि पहले भी इस पर चेतावनी दी गई थी। अस्पताल में लंबे समय से स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता भी नहीं है। नाक, कान, गला, स्त्री रोग सहित अन्य क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की मांग लंबित है।

अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा देने की मांग कई बार उठाई जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी गई कि रिकॉर्ड को अपडेट करें और नियमित रूप से निरीक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। अगर लापरवाही दोबारा मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर के निर्देश पर समय-समय पर अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण का प्रतिवेदन भी प्रशासन को भेजा जाएगा। स्वास्थ्य केंद्र में सुधार के लिए अब जागरूकता और अनुशासन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्थानीय जनता और मरीजों का कहना है कि अस्पताल में सुधार की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। व्यवस्थित रिकॉर्ड और दवाई वितरण से मरीजों को सही सेवा मिल सकेगी और स्वास्थ्य केंद्र की विश्वसनीयता बढ़ेगी।

इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि स्वास्थ्य केंद्र में संसाधनों और कर्मचारियों की कार्यशैली में सुधार आएगा और मरीजों को समय पर उचित सेवा प्रदान की जाएगी।