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MP में आरटीई के तहत 7 मई से कर सकेंगे जरूरतमंद बच्चे आवेदन, हजारों बच्चों को मिलेगी निशुल्क शिक्षा

 

RTE Admission Update: मध्य प्रदेश राज्य में अब जरूरतमंद बच्चों 7 में से राइट टू एजुकेशन अधिकार के तहत आवेदन कर सकेंगे। इससे प्रदेश के हजारों गरीब बच्चों को लाभ मिलेगा। जो बच्चे शिक्षा का अधिकार योजना के तहत पात्र पाए जाते हैं उन्हें निजी स्कूलों में निशुल्क एडमिशन दिया जाएगा। 
प्रदेश में लंबे इंतजार के बाद राज्य शिक्षा केंद्र ने गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों के निःशुल्क एडमिशन के लिए शेड्यूल जारी किया है। इसके  हजारों विद्यार्थी 7 मई से स्कूलों में प्रवेश ले सकेंगे। 

पिछले वर्ष शिक्षा का अधिकार नियम के तहत फरवरी में शुरू हुई थी एडमिशन प्रक्रिया

मध्य प्रदेश राज्य में पिछले साल शिक्षा का अधिकार (Right to education) नियम के तहत यह प्रक्रिया फरवरी में शुरू हो गई थी। इस बार मई के पहले सप्ताह से निःशुल्क एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए निजी स्कूलों को आरक्षित सीटों की संख्या 5 मई तक पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। ऑनलाइन एडमिशन के लिए आवेदन 7 मई से शुरू 21 मई तक एक होंगे। विभाग द्वारा की गई देरी के चलते कई जरूरतमंद विद्यार्थियों ने निजी स्कूलों में फीस देकर प्रवेश ले लिया है। प्रवेश होने के बाद वास्तविक स्थिति पता चलेगी कि संख्या कितनी है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह प्रवेश प्रक्रिया पूरे एक महीने चलेगी और जून में विद्यार्थियों को अलॉटेड स्कूल में उपस्थित होना होगा। 

खास बात ये है कि आरटीई के तहत अपने बच्चों के एडमिशन के लिए विद्यार्थियों के पास एक ही चरण रहेगा। ऑनलाइन आवेदन 7 मई से शुरू होंगे, जो 21 मई तक चलेंगे। इसी दौरान आवेदन में त्रुटि सुधार भी किया जा सकता है।

आवेदन का सत्यापन भी 7 मई से शुरू 29 होगा जो 23 मई तक चलेगा। मई को रेंडम पद्धति से ऑनलाइन लॉटरी द्वारा विद्यार्थियों को स्कूल का आवंटन होगा और उन्हें एसएमएस से सूचना मिलेगी। स्कूल के आवंटन के बाद 2 जून से 10 जून तक विद्यार्थी को आवंटित स्कूल में उपस्थित होना होगा। 

स्कूल संचालक मोबाइल एप से एडमिशन की रिपोर्ट देंगे। सत्यापन के समय केंद्र पर विद्यार्थी के मूल दस्तावेज लेकर अभिभावक स्कूल पहुंचेंगे। राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक हरजिंदर सिंह ने आरटीई के तहत एडमिशन की प्रवेश प्रक्रिया जारी करते हुए कलेक्टर और जिला परियोजना समन्वयक को पत्र लिखकर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। बता दें कि मध्य प्रदेश राज्य के मंदसौर जिले में ही 500 से ज्यादा निजी स्कूल हैं, जो आरटीई के तहत प्रवेश देने के दायरे में आते हैं। ऐसे ही अन्य जिलों में हजारों स्कूल है। 

इस बार प्रक्रिया सिर्फ एक चरण में होगी 

राज्य शिक्षा केंद्र ने जो प्रवेश प्रक्रिया जारी की है, उसमें प्रवेश के लिए एक ही चरण दिया है। जबकि इससे पहले प्रवेश के 3 से 4 चरण भी होते थे। पिछले साल भी प्रवेश प्रक्रिया का एक चरण पूरा हो पाया था। दूसरे चरण की आवेदन प्रक्रिया के बाद निजी स्कूल संचालक न्यायालय चले गए थे। इसके बाद दूसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी।

एडमिशन के लिए विद्यार्थियों की आयु सीमा तय

इस बार राज्य शिक्षा केंद्र ने कक्षा में प्रवेशित बच्चे की आयु भी निर्धारित की है। नर्सरी कक्षा में न्यूनतम 3 वर्ष और अधिकतम 4 वर्ष 6 महीने, केजी-1 में न्यूनतम 4 वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष 6 महीने, केजी-2 में न्यूनतम आयु 5 वर्ष और अधिकतम आयु 6 वर्ष 6 महीने तथा कक्षा पहली में न्यूनतम 6 वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष 6 महीने निर्धारित की है