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रहस्यमयी गढ़कुंडार किला और उसके आसपास का गांव

 

Tikamgarh News: मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले में स्थित गढ़कुंडार किला अपने रहस्यों और कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। यह किला लगभग 11वीं शताब्दी में बना और इसमें पांच मंजिलें हैं—तीन ऊपर और दो जमीन के नीचे। इतिहासकारों के अनुसार, समय-समय पर चंदेल, बुंदेला और खंगार शासकों ने इस पर शासन किया।

गढ़कुंडार किले की सबसे बड़ी खासियत इसकी बनावट है। दूर से यह साफ दिखाई देता है, लेकिन जैसे-जैसे पास जाते हैं, यह नजरों से ओझल हो जाता है और आसपास का रास्ता भटकाने लगता है। यही कारण है कि इसे रहस्यमयी किला कहा जाता है। गांव के लोगों का कहना है कि किले से जुड़ी दंत कथाओं में बारात और अन्य लोग अचानक गायब हो गए थे, जिनका आज तक कोई पता नहीं चला।

किले की निचली मंजिलों में खजाने की कहानियाँ भी प्रचलित हैं। प्रवेश बंद होने के बाद अब इस खजाने की सच्चाई किसी को पता नहीं। शाम के समय आसपास कोई जाने की हिम्मत नहीं करता।

गढ़कुंडार पंचायत में किले के अलावा गिद्धवाहिनी मंदिर भी है, जो गांव की पहचान का हिस्सा है। पंचायत में करीब 7,000 लोग रहते हैं और साक्षरता दर 60 प्रतिशत है। जिला मुख्यालय से दूरी 20 किमी और हाईवे से कनेक्टिविटी 15 किमी है। प्रमुख उत्पादों में गेहूं, चना, सरसों, मूंगफली और तिली शामिल हैं। आय का मुख्य स्रोत कृषि है।

हालांकि पंचायत में नेटवर्किंग की समस्या है। गांव के लोग लोकेश तिवारी, ज्ञानप्रकाश रावत और वीरेंद्र तिवारी बताते हैं कि फोन नेटवर्क के लिए उन्हें पहाड़ी या छत पर जाना पड़ता है। इसके अलावा पर्यटन की संभावनाओं के बावजूद सुविधाओं की कमी के कारण पर्यटक बहुत कम आते हैं।

गढ़कुंडार किला न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि रहस्यों और खजानों की कहानियों के कारण आज भी लोगों का ध्यान आकर्षित करता है।