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MP शिकायतों की सुनवाई में निकला सबसे फिसड्डी राज्य, प्रदेश का एक भी जिला नहीं हुआ ए रेटिंग में शामिल 

 

MP News: मध्यप्रदेश राज्य शिकायतों की सुनवाई को लेकर सबसे देश के सबसे फिसड्डी राज्यों में शुमार हो गया है। प्रदेश का एक भी जिला ए रेटिंग में अपनी जगह नहीं बन पाया है। शिकायतों के निराकरण में पूरा मध्यप्रदेश ही फिसड्डी निकला है। सीएम हेल्पलाइन की ताजा परफॉर्मेंस रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश का कोई भी जिला शिकायतों के निपटारे में ए रेटिंग हासिल नहीं कर सका। जून महीने में 4.37 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं, लेकिन समाधान की गुणवत्ता पर नजर डालें तो हालात चिंताजनक हैं। 

हेल्पलाइन के पोर्टल पर दर्ज रेटिंग के मुताबिक भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े शहर भी फिसड्डी साबित हुए हैं। इन सभी जिलों को बी रेटिंग में रखा गया है। हेल्पलाइन की वेबसाइट पर हर जिले की अलग-अलग रेटिंग जारी की गई है। भोपाल, इंदौर जैसे बड़े शहर भी जिनके पास ज्यादा संसाधन और अफसर हैं, वे भी बेहतर रेटिंग नहीं ला सके। इसका सीधा मतलब है कि शिकायतें दर्ज करना तो आसान हो गया है, लेकिन सुनवाई और समाधान की गंभीरता अब भी उतनी नहीं है, जितनी होनी चाहिए।

संतुष्टि के साथ निराकरण में बड़वानी-बैतूल अव्वल

बड़वानी और बैतूल जिला भी भले ही बी कैटेगरी में हो, लेकिन संतुष्टि के साथ निराकरण में ये प्रदेश में अव्वल है। बड़वानी में 44.81 और बैतूल में 44.80 फीसदी शिकायतों का निराकरण संतुष्टि के साथ किया गया। इसके बाद रायसेन, अशोकनगर और बालाघाट का नंबर आता है।

दमोह में सबसे कम शिकायतों का निराकरण

सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों के निराकरण का सबसे खराब प्रदर्शन दमोह जिले का रहा। यहां की गई 9759 शिकायतों में से मात्र 34.63% शिकायतों का ही संतुष्टि के साथ निराकरण किया जा सका। 9.84% शिकायतें को अटेंड ही नहीं की गई। इसके बाद भिंड, टीकमगढ़ और शिवपुरी जिलों का नंबर आता है।

पर्यावरण की एक भी शिकायत का निराकरण नहीं

जून महीने में सबसे कम 4 शिकायतें पर्यावरण विभाग से संबंधित हुई, लेकिन विभाग इनमें से एक भी शिकायत का निराकरण संतुष्टि के साथ नहीं कर सका। शिकायतों के निराकरण में इस विभाग की रेटिंग सबसे कम यानी डी है। इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, ट्राइबल डिपार्टमेंट जैसे बड़े विभाग भी डी कैटेगरी में शामिल है।

इस विभाग में आई सबसे ज्यादा शिकायें 

सीएम हेल्पलाइन में जून महीने में सबसे ज्यादा 79,228 शिकायतें ऊर्जा विभाग की आई है। इसके पीछे स्मार्ट मीटर विवाद भी बड़ी वजह है। इसके बाद 62,090 शिकायतें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, 60,084 शिकायतें राजस्व विभाग, 55,605 शिकायतें नगरीय विकास एवं आवास विभाग और 43,523 शिकायतें गृह विभाग से संबंधित आई।