MP News: देश में मूंग का 35% उत्पादन करता है मप्र, इस साल 14.39 लाख हेक्टे. में बोई गई है फसल
MP News: देश में मूंग की फसल का 35% उत्पादन अकेला मध्यप्रदेश राज्य करता है। ग्रीष्मकालीन मूंग की सरकारी खरीदी की घोषणा के बाद मध्यप्रदेश के किसानों ने राहत की सांस ली। प्रदेश के किसानों ने इस बार रिकॉर्ड स्तर पर मूंग की बुवाई की है। कृषि षि विभाग के मुताबिक प्रदेश में इस साल 14.39 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग ली गई है, जो चार साल पहले के मुकाबले ढाई गुना ज्यादा है। इस बार 13.92 लाख टन मूंग का उत्पादन होने का अनुमान है। देश की कुल मूंग उपज में मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी 35% तक है। मूंग की सबसे बड़ी खूबी ये है कि यह गेहूं के तुरंत बाद बोई जाती है और केवल दो महीने में तैयार हो जाती है।
यह खरीफ से पहले की वह फसल है जो किसान को कुछ अतिरिक्त कमाने का मौका देती है। खासकर उन किसानों के लिए जिनके पास सिंचाई की सुविधा है। मूंग अब प्रदेश में तीसरी फसल बन चुकी है। चार साल में 1362 रुपये बढ़ा समर्थन मूल्यः किसानों का मूंग की ओर झुकाव इसलिए भी बढ़ा क्योंकि समर्थन मूल्य लगातार बेहतर होता गया। 2020-21 में एमएसपी 7196 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2021-22 में बढ़कर 7275 रुपये हुआ। इसके बाद 2022-23 में यह 7755 रुपये और इस वर्ष 2024-25 में 8558 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यानी चार साल में कुल 1362 रुपये की बढ़ोतरी। यह साफ संकेत था कि सरकार इस फसल को प्रोत्साहन दे रही है।
मूंग का सबसे बड़ा उत्पादक जिला है नर्मदापुरम
कृषि विभाग के मुताबिक सबसे अधिक मूंग फसल लेने वाला नर्मदापुरम जिला है। इस वर्ष यहां लगभग 2.50 लाख हेक्टेयर से अधिक में मूंग बोई गई। दूसरे नम्बर पर रायसेन
जिला है यहां 1.50 लाख हेक्टेयर में मूंग ली गई। तीसरे नम्बर पर हरदा जिला है यहां 1.46 लाख हेक्टेयर में मूंग की बोवनी हुई थी। इसी प्रकार नरसिंहपुर जिले में 1.20 लाख हेक्टेयर में मूंग लगाने का लक्ष्य रखा गया था।
सीहोर जिले में 1 लाख, जबलपुर 60 हजार, देवास 46 हजार, कटनी 52 हजार, दमोह 45 हजार एवं खंडवा जिले में भी 36 हजार हेक्टेयर में मूंग लेने का लक्ष्य था। रकबे में ढाई गुना की बढ़ोत्तरी: 2021 में मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का रकबा महज 6 लाख हेक्टेयर था। 2022 में यह बढ़कर 7.71 लाख हेक्टेयर और 2023 में 8.02 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा। 2024 में अचानक यह आंकड़ा 13.37 लाख हेक्टेयर हो गया और इस साल 2025 में मूंग का रकबा 14.39 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है। यानी चार साल में रकबा करीब ढाई गुना हो गया। यह दर्शाता है कि किसानों ने मूंग को न सिर्फ अपनाया है बल्कि उस पर भरोसा भी किया है।