{"vars":{"id": "115716:4925"}}

MP News: रेलवे लाइन दोहरीकरण के दौरान लोग शासकीय जमीन को अपनी बता कर डकार गए करोड़ों रुपए का मुआवजा, जांच हुई शुरू

 

MP News: मध्यप्रदेश राज्य से रेलवे लाइन दोहरीकरण के दौरान मुआवजे को लेकर एक अनोखा घोटाला सामने आया है। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में कुछ लोगों द्वारा शासकीय जमीन को अपनी बताकर करोड़ों रुपए का मुआवजा करने का मामला सामने आया है।  नीमच-रतलाम रेलवे दोहरीकरण के लिए पिपलियामंडी क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण किया गया। इस दौरान 3 करोड़ 40 लाख रुपए के मुआवजे के वितरण में एक व्यक्ति ने घोटाले के आरोप लगाए हैं। 

शिकायतकर्ता देवराज पिता हंसराज गुर्जर ने आरोप लगाया कि शासकीय पटवारी, पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के उप मुख्य इंजीनियर (निर्माण) और कुछ स्थानीय प्रभावशाली लोगों ने मिलकर शासकीय जमीन को निजी बताकर फर्जी मुआवजा दिलवाया। गुर्जर ने लोकायुक्त भोपाल, डीआरएम रतलाम, कलेक्टर, अपर कलेक्टर और सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की। उन्होंने बताया कि सर्वे नंबर 95, 100 और 101 की जमीन शासकीय है। इसके बावजूद कौशल्याबाई, दिलीपकुमार, महेश्वरी समाज ट्रस्ट और विष्णु ने इन जमीनों पर फर्जी पंचनामा बनवाकर अपना हक जताया। इसके आधार पर उन्हें करोड़ों का मुआवजा दे दिया गया। 

उपायुक्त ने दिए थे जांच के आदेश 

20 मई 2025 को जनसुनवाई में कलेक्टर को शिकायत दी थी। इसके बाद जांच के आदेश हुए लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। सवाल उठ रहे हैं कि जब निजी जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ तो मुआवजा कैसे मिल गया। सर्वे नंबर 368/2/4 का मामला 1974 से न्यायालय में लंबित है। 2005 में पारिवारिक विवाद के चलते सीमांकन हुआ था। कलेक्टर के आदेश पर नपती में दिलीप गोयल के पास 0.64 आरी जमीन ज्यादा पाई गई थी। इसके बावजूद उन्हें मुआवजा दे दिया गया। 

गुर्जर ने कहा कि वह इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय और सीबीआई तक पहुंचाएंगे। ताकि दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सके। एक माह से अधिक समय बाद भी नहीं हुई जांच एसडीएम रविन्द्र परमार ने शिकायत पर तहसीलदार ब्रजेश मालवीय को जांच दल प्रभारी बनाया। इस दल में नायब तहसीलदार सुनील अग्रवाल, घीसूलाल तालविया, पटवारी पूनमचंद जैन, मनोहरलाल कुमावत और सुरेश श्रीवास्तव को सदस्य बनाया गया। तीन दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए थे। लेकिन 40 दिन बीतने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई।

जिन पर आरोप लगे वो बोले: आरोप निराधार

इस मामले में जिन पर फर्जी मुआवजा लेने का आरोप है, उन्होंने आरोपों को निराधार बताया। दिलीप गोयल और अन्य ने कहा कि रेलवे के नक्शे के अनुसार नपती हुई थी। राजस्व और रेलवे अधिकारियों की मौजूदगी में प्रक्रिया पूरी हुई। मुआवजा नियमों के अनुसार मिला है। कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ। पटवारी ओमप्रकाश पाटीदार ने कहा कि नपती नियमानुसार की गई थी। जांच टीम बन चुकी है। जो भी होगा, जांच में सामने आ जाएगा। एसडीएम रविन्द्र परमार ने बताया कि दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे हैं। मामला जांच में है।