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MP News: प्रदेश में 10.4 फीसदी स्थायी शिक्षक, 19% अतिथि और 61.1 प्रतिशत प्राचार्य रोज नहीं लगा रहे ई-अटेंडेंस, शिक्षा विभाग ने जताई नाराजगी

 

MP News: प्रदेश में 2 लाख 43 हजार स्थायी शिक्षक हैं। इनमें से 10.4 फीसदी ई-अटेंडेंस से नाराज हैं। वहीं 73 हजार अतिथि शिक्षकों में से 19 फीसदी शासन के आदेश को अनदेखा कर रहे हैं। सबसे ज्यादा गैर जिम्मेदार संस्था प्रधान हैं। 61 फीसदी प्राचार्य हाजिरी नहीं लगा रहे हैं।

अब जब बोस ई-अटेंडेंस नहीं लगा रहे तो शिक्षक व अतिथि शिक्षक क्यों लगाएंगे। ऑनलाइन हाजिरी में ये रोज अनुपस्थित दिखाई दे रहे हैं। प्रदेश में ई-अटेंडेंस की कार्यप्रणाली शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को रास नहीं आ रही है। इसको लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने नाराजगी जताई और कार्रवाई की चेतावनी दी। कुछ जिलों में स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। वहां 7 व 8 फीसदी संस्था प्रधान भी अटेंडेंस नहीं लगा रहे हैं। शिक्षा विभाग इसे पूरी तरह लागू करना चाहता है।

बीच में आया था पाकिस्तानी कनेक्शन

स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए एक जुलाई से ऑनलाइन ई-अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया था। शिक्षक लागू होने से पहले ही इसके विरोध में थे। कुछ शिक्षक इस प्रक्रिया से बचने के लिए पाकिस्तानी कनेक्शन लेकर आए थे। शिक्षकों ने बाकायदा आवेदन देकर शिक्षा विभाग को बताया था कि एप से ऑनलाइन उपस्थिति लगाने के बाद से उनके पास पाकिस्तानी नंबर से कॉल और मैसेज आ रहे हैं। अतिथि शिक्षकों ने शिकायत कि थी कि एप से हमारी जानकारी गलत हाथों में जाने का अंदेशा है। कटनी में भी शिक्षकों ने प्राचार्य को आवेदन दिया था। इसमें लिखा था कि उनके मोबाइल के वाट्सएप पर पाकिस्तानी नंबरों से ऑडियो व वीडियो कॉल आ रहे हैं। इससे उनकी निजता को भी खतरा है।

निवाड़ी में सिर्फ 234 शिक्षक व 65 प्राचार्य ही लगा पा रहे अटेंडेंस

पूरे प्रदेश में अटेंडेंस नहीं लगाने वाले जिलों में निवाड़ी टॉप पर है। इसके अलावा रतलाम व अन्य जिले भी इस श्रेणी में शीर्ष पर हैं। रतलाम में 4270 शिक्षकों में से 553 ही ऑनलाइन हाजिरी लगा रहे हैं। जिनका प्रतिशत सिर्फ 13 है। यहां 155 संस्था प्रधान व 643 अतिथि शिक्षक पंचिंग कर रहे हैं। बाकी सब रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। यही हाल आगर-मालवा व मंदसौर का भी है। आगर-मालवा के 383 और मंदसौर के 979 शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेंस के पक्ष में हैं। जबकि जिले में 5 हजार से ज्यादा शिक्षक कार्यरत हैं। खास बात यह है कि कम अटेंडेंस वाले जिलों को विभाग ने अपने चार्ट में रेड श्रेणी में रखा है। श्योपुर जिले में 722 संस्था प्रधान हैं। इनमें से 57 ऑनलाइन अटेंडेंस लगा रहे हैं। यानी पंचिंग रेशियो 7 फीसदी है।