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MP Industry : मध्यप्रदेश में बनेगी बहुप्रतीक्षित विक्रम उद्योगपुरी, अडानी, आयशर जैसी कंपनियों लगाई इंडस्ट्री, किसानों पर होगी नोटों की बारिश 

एमपीआइडीसी को 346 हैक्टेयर जमीन मिल गई, वहीं अडानी, आयशर जैसे ग्रुप के आने का रास्ता भी साफ हो गया। देवास रोड स्थित विक्रम उद्योगपुरी के दूसरे चरण में सात गांवों की 472.648 हैक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने का लक्ष्य रखा गया।

 

मध्यप्रदेश के उज्जैन उद्योग के क्षेत्र में देश में अलग पहचान बनाने वाला है।  बहुप्रतीक्षित विक्रम उद्योगपुरी विस्तार को लेकर मंगलवार को कलेक्टर ने भूमि अधिग्रहण अंतर्गत अवॉर्ड पारित किया। इससे जहां एमपीआइडीसी को 346 हैक्टेयर जमीन मिल गई, वहीं अडानी, आयशर जैसे ग्रुप के आने का रास्ता भी साफ हो गया।

देवास रोड स्थित विक्रम उद्योगपुरी के दूसरे चरण में सात गांवों की 472.648 हैक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने का लक्ष्य रखा गया। इसमें से 472.448 हैक्टेयर भूमि के लिए 568 करोड़ रुपए का अवार्ड पारित किया गया। इससे उक्त जमीन शासन की होकर उद्योगों के लिए एमपीआइडीसी को मिल गई है। संभावना है, कुछ महीनों बाद दूसरे चरण का इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्य शुरू हो जाएगा।

200 हैक्टेयर जमीन के लिए पहले से आवेदन

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मप्र में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए की पहल के बाद विक्रम उद्योगपुरी में जमीन को लेकर खासी डिमांड है। स्थिति यह है कि सेकंड फेस की कवायद शुरू होने के साथ कई कंपनियों निवेश करने की रुचि अधिकृत रूप से जारी कर दी। वर्तमान में एमपीआइडीसी को 346 हैक्टेयर जमीन मिली है। इसके विपरीत 200 हैक्टेयर भूमि के लिए आवेदन पहले से लंबित हैं।

अब 2300 एकड़ से अधिक की होगी उद्योगपुरी

विक्रम उद्योगपुरी  पहले फेज में 458.6 हैक्टेयर पर काम पूरा हो चुका है। कुल भूमि 773 एकड है, जिसमें उद्योगों के लिए 91 में से 89 प्लॉट आवंटित हो चुके हैं। फेज-2 में प्रस्तावित 472.648 हैक्टेयर भूमि में से 346.178 का अवार्ड हो चुका है। दोनों फेज मिलाने के बाद दायरा 2300 एकड़ से अधिक की हो जाएगा। यह दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का अहम हिस्सा बनेगा, जिससे उज्जैन की औद्योगिक हैसियत और मजबूत होगी।

आधुनिक टाउनशिप विकसित होगी-विक्रम उद्योगपुरी को केवल औद्योगिक क्षेत्र तक सीमित नहीं रखा है। इसे एक स्मार्ट टाउनशिप के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां उद्योगों के अलावा आवासीय कॉलोनियां, स्वास्थ्य और शिक्षा संस्थान, कमर्शियल कॉप्लेक्स व मनोरंजन की सुविधाएं भी होंगी। कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए देवास-उज्जैन बायपास, कड़छा रेलवे स्टेशन व एयरस्ट्रिप जैसी सुविधाएं योजना में शामिल की गई हैं।

593 किसानों को मुआवजा

दूसरे चरण में 346 हैक्टेयर भूमि के लिए 593 भूमि स्वामियों को 568 करोड़ रुपए का मुआवजा स्वीकृत हुआ। प्रभावित किसानों को अपने जमीन के दस्तावेज, बैंक खाते की जानकारी व दस्तावेज प्रस्तुत करना होंगे।