{"vars":{"id": "115716:4925"}}

शहर में 50 से अधिक पैथालॉजी लैब, केवल 33 का पंजीकरण, निगरानी पर सवाल

 

Badwani News: जिले में स्वास्थ्य जांच सुविधाओं के बढ़ते दायरे के बावजूद पंजीकरण और मानकों की अनदेखी चिंता बढ़ा रही है। हाल के आंकड़ों के अनुसार जिले में करीब 50 से अधिक पैथालॉजी लैब संचालित हैं, जबकि मात्र 33 संचालकों ने औपचारिक पंजीकरण कराया हुआ है। इससे जांचों की विश्वसनीयता और रोगियों की सुरक्षा पर प्रश्न उठ रहे हैं।

कई छोटे कलेक्शन सेंटर बड़े नामों से जुड़े दिखाई देते हैं, पर इनमें अक्सर अप्रशिक्षित या अर्धकुशल कर्मचारी रक्त-सैंपल लेते हैं और उन्हें बाहर भेज देते हैं। रिपोर्ट मिलने पर मरीजों को परिणाम दे दिए जाते हैं, लेकिन ट्रेसबल दस्तावेजों और प्रमाणित तकनीशियनों की कमी रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या और गंभीर है, जहाँ मरीजों को कम जानकारी के कारण गलत या महंगी जांच का सामना करना पड़ता है।

कानूनी आवश्यकताएँ अनदेखी

लैब संचालित करने के लिए सीएमएचओ कार्यालय से रजिस्ट्रेशन और मान्य प्रमाणपत्र अनिवार्य है। जांच कर रहे कर्मचारी के पास पैरामेडिकल डिप्लोमा और संबंधित काउंसिल में पंजीकरण होना चाहिए। इसके अलावा लैब में पेयजल, शौचालय और बैठने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। तथापि कई कलेक्शन सेंटर छोटी दुकानों में ऐसे बुनियादी सुविधाओं के बिना काम कर रहे हैं। कई जगह मरीजों से आधार कार्ड नहीं लिया जा रहा और फॉर्म भरवाने की प्रक्रिया टल रही है, जिससे पहचान और रिपोर्टिंग में पारदर्शिता नहीं रहती।

किस जगह कितनी लैब चल रही है

जानकारी के अनुसार पंजीकृत संचालक कुल 33 हैं: बड़वानी में 22, सेंधवा में 4, अंजड़ में 1, राजपुर में 3, ओझर में 1, दवाना में 1 एवं पलसूद में 1। जबकि वास्तविक संचालन में बड़वानी में लगभग 25, सेंधवा में 5, दवाना में 2, अंजड़ में 4, राजपुर में 7, ओझर में 2 और पलसूद में 2 केंद्र सक्रिय बताए जा रहे हैं। यह अंतर स्पष्ट करता है कि कई केंद्र बिना पंजीकरण के काम कर रहे हैं।

निरीक्षण न हो पाने का असर

लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष सभी सीएमएचओ को निजी पैथालॉजी लैबों की जांच के निर्देश दिए थे। इन नियमों के अनुसार गठित दल को कमियों का आकलन कर सुधार कराना था, पर जिले में समेकित जांच लंबित रही है। परिणामस्वरूप अनियमित संचालन से मरीजों की हिफाजत और स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है।

आगे क्या होगा

जिले में पंजीकृत लैबों की जांच के लिए दल गठित किया गया है और बिना पंजीकरण संचालित केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि निरीक्षण कर आवश्यक सुधार कराए जाएंगे ताकि जनता को प्रमाणिक और सुरक्षित पैथोलॉजी सेवाएँ मिल सकें।

नागरिकों से अनुरोध है कि वे जांच कराते समय पंजीकरण, तकनीशियन की योग्यताएँ और प्राप्त रिपोर्ट की प्रमाणिकता जांचें।