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मध्य प्रदेश में मूंग की सरकारी खरीद शुरू होते ही मूंग दाल हुई महंगी

 

मूंग की सरकारी खरीदी शुरू होते ही मंडियों में मूंग दाल के भाव में तेजी आ गई है। मंगलवार को मूंग दाल के भाव में करीब 100 रुपए प्रति क्विंटल का उछाल देखा गया। सरकारी एजेंसियों द्वारा समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी शुरू होने से किसानों और व्यापारियों दोनों का भरोसा बढ़ा है। इससे बाजार में मूंग की आवक भी बढ़ी है और भाव में सुधार देखने को मिला है।

व्यापारियों के मुताबिक, उच्च गुणवत्ता वाली मूंग की मांग बढ़ी है. जिससे दाल मिलों में भी मूंग की खरीदी तेज हो गई है। इससे दाल के थोक भाव में मजबूती बनी हुई है। यदि सरकारी खरीदी का दायरा बढ़ा तो आने वाले दिनों में मूंग के भाव में और तेजी संभव है। बाजार में फिलहाल सकारात्मक माहौल बना हुआ है। उधर, खरीफ सीजन में दलहन फसलों के तहत मुख्य रूप से तुअर, मूंग और उड़द की खेती होती हैं। इस बार विभिन्न राज्यों में दलहन की बुआई को लेकर मिला-जुला रुख देखा गया है।

30 जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में दलहनों का रकबा बीते वर्ष के 1.23 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार
14.25 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। वहीं गुजरात में यह क्षेत्र 19 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 31 हजार हेक्टेयर हो गया। महाराष्ट्र में दलहनों की बुआई का क्षेत्रफल 10.33 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 10.58 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है। हालांकि कर्नाटक में गिरावट दर्ज की गई है, जहां यह क्षेत्र 14.22 लाख हेक्टेयर से घटकर 12.74 लाख हेक्टेयर रह गया। मूंग की खेती के आंकड़े भी उत्साहजनक हैं। राजस्थान में मूंग का क्षेत्र बीते साल के 1.16 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 10.80 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। कर्नाटक में यह क्षेत्र 3.78 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.87 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1.39 लाख से बढ़कर 1.47 लाख हेक्टेयर और गुजरात में 1 हजार से बढ़कर 4 हजार हेक्टेयर हो गया है।

राजस्थान में इस बार समय से पहले और अच्छी बारिश के चलते किसानों को जल्दी बुआई का मौका मिला। मानसून-पूर्व की बारिश भी पर्याप्त हुई थी। पिछले साल की तुलना में इस बार जून में ही अच्छी वर्षा हो गई, जिससे किसानों ने बड़े पैमाने पर दलहनों की बोवनी कर दी। राजस्थान में 30 जून तक 2.59 लाख हेक्टेयर में मोठ, 48 हजार हेक्टेयर में उड़द और 37 हजार हेक्टेयर में चौला की बुआई पूरी हो चुकी थी।