केंद्र सरकार की सबकी योजना सब का विकास कार्यक्रम के तहत मध्य प्रदेश के 23000 पंचायत के बनेंगे मिनी मास्टर प्लान
mp news: 23 हजार ग्राम पंचायतों का मिनी मास्टर प्लान 2 अक्टूबर से तैयार करने का काम शुरू होने जा रहा है। यह काम केंद्र सरकार की सबकी योजना, सबका विकास कार्यक्रम के तहत शुरू किए जा रहे पीपुल्स प्लान कैंपेन 2025-26 के तहत किया जाएगा। केंद्र सरकार गांव के विकास को नई दिशा देने के लिए हर साल कैंपेन चलाता है।
लेकिन इस बार मप्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इस कैंपेन के साथ अपनी पंचायतों का विकास खाका भी तैयार करेगा। यह काम 2 अक्टूबर से शुरू होकर 31 जनवरी तक चलेगा। मप्र में इसअभियान के तहत स्वदेशी पर जोर देते हुए पर्यटन, स्वरोजगार और स्वच्छता को प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके साथ सभी पंचायतों में ई-अटल केंद्र और ई-कोर्ट का भी प्लान देना होगा। 2 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में एक साथ ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी। जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला बाल विकास क्षेत्र में काम करने वाले लोग भी शामिल रहेंगे।
इस दिन जो प्लान बनेगा, उसे भारत सरकार के ई ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड करना होगा। जो कि वर्ष 2026-27 के लिए होगा। इसकी मप्र के अफसरों ने अलग से तैयारी की है, ताकि प्लान अलग ढंग से बन सके।
दो पंचायतों का बन गया है प्लान, बाकी की तैयारी
मप्र की दो पंचायत सीहोर की बिलकिसगंज व विदिशा जिले की लटेरी ब्लॉक की मुरवास का मास्टर प्लान बनाने का काम लगभग पूरा हो गया है। दोनों का ही मास्टर प्लान स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्वर भोपाल द्वारा बनाया गया है। इसमें गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर, सेनीटेशन, सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, मनोरंजन क्षेत्र, एजुकेशन एरिया और हाउसिंग एरिया को शामिल किया गया है। हरेक सेक्टर के लिए गांव में अलग जगह चिन्हित कर दी गई है। अब काम शुरू होगा
ई अटल केंद्र व ई-कोर्ट लागू करने पर जोर
मप्र की सभी पंचायतों का विकास खाका अब एक जैसा होगा। इसमें तीन बातें सड़क, पानी और स्वच्छता के साथ अब पर्यटन, स्वरोजगार और इंटरनेट कनेक्टिविटी पर फोकस है। नए प्लान में 5 साल पूरे चुकी वन समितियों के पुनर्गठन पर चर्चा होगी। वहीं ई-अटल केंद्र और ई-कोर्ट स्थापित करने पर जोर दिया जाएगा।
इस सिकल सेल बीमारी को खत्म करने का एजेंडा भी शामिल होगा। सोलर ऊर्जा से जुड़ी योजनाओं को
कैसे गांव स्तर लागू कराएं, इस पर चर्चा होगी। गांव के कितने तालाब और ऐसे इलाके हैं, जो पर्यटन के लिए विकसित हो सकते हैं। इसमें पीएचई द्वारा चलाई जा रही नल-जल योजना में स्थानीय युवाओं को प्लंबरिंग समेत दूसरे काम दिलाने की भी योजना है।
वहीं गांव के लिए विकास कार्य जैसे नाली, सड़क आदि कार्य के लिए 10 से 25 परसेंट राशि बढ़ाकर प्लान बनाना है।