मेट्रो ने एमपी में खोले रोजगार के नए अवसर, इंजीनियर क्षेत्र ने पकड़ी रफ्तार
भोपाल मेट्रो ट्रेन राजधानी समेत मेट्रोपॉलिटन रीजन के जिलों में इंजीनियरिंग के साथ सिविल, इलेक्ट्रिकल व अन्य उद्योगों को बढ़ावा देगी। ऐसे 172 सेगमेंट-पार्ट्स तय किए हैं, जिनकी स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग या फिर खरीदी की जा सकेगी। मेट्रो कारपोरेशन इससे प्रदेश से बाहर से सामान लाने की कवायद से बच जाएगा। भोपाल समेत सीहोर, रायसेन, विदिशा में मेट्रो उपकरण के लिए काम होगा। दो साल में 2000 करोड़ रुपए का काम स्थानीय कंपनियों को मिल सकता है।
जैसे कंट्रोल पैनल असेंबली- कुछ स्थानीय इलेक्ट्रिकल वर्कशॉप इसे कर सकते हैं।
डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड, केबल ट्रे, वायरिंग मैटेरियल- स्थानीय इलेक्ट्रिकल कंपनियां सप्लाई कर सकती हैं।
लाइटिंग, सीसीटीवी कैमरा बॉडी - इलेक्ट्रॉनिक एसेंबली के लिए संभावनाएं हैं।
इलेक्ट्रिकल हार्डवेयर असेंबली
स्टेशन और इंटीरियर फिनिशिंग
प्लेटफॉर्म फर्नीचर (बेंच, रेलिंग आदि)- स्थानीय फैब्रिकेटर बना सकते हैं।
हम प्रोजेक्ट को ऑन ट्रैक लाने तेजी से काम कर रहे हैं। मेट्रो से स्थानीय कारोबारियों, उद्यमियों को लाभ मिले इस बारे में भी पूरा प्लान है।
90 फीसदी ठेके दिए
मेट्रो रेल कारपोरेशन दो लाइनों पर करीब सात हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है। 90 फीसदी ठेके दिए जा चुके हैं। यही ठेकेदार स्थानीय कंपनियों से अनुबंध करेंगे