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जिले में 10 संचालकों का सामूहिक इस्तीफा, संचालन पर उठे सवाल

 

Burhanpur News: नागरिक साख सहकारी संस्था के 15 संचालकों में से 10 ने सामूहिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा संस्था के अध्यक्ष को पत्र भेजकर और सहकारिता विभाग तथा जिला प्रशासन को भी सूचित करके दिया गया।

संचालकों ने अपने पत्र में बताया कि 28 अगस्त 2021 को संस्था में निर्विरोध चुनाव हुआ था, जिसमें कुल 15 सदस्य निर्वाचित हुए। नियमावली के अनुसार अध्यक्ष और दो उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने थे। इस प्रक्रिया के तहत सुरेश गोटे को अध्यक्ष और हेमंत करांगले व सुनीता वाजपेयी को उपाध्यक्ष चुना गया।

लेकिन इसके बाद संस्था का संचालन नियमावली के अनुसार नहीं हुआ। निर्वाचित सदस्यों को पदभार ग्रहण कराने के बिना ही अध्यक्ष ने सभी निर्णय और कार्य संचालक मंडल की अनुमति के बिना संचालित किए। कई बार शिकायतों के बावजूद सहकारिता विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया।

त्यागपत्र देने वाले संचालकों में हेमंत करांगले, सुरेश रघुवंशी, शरद चौधरी, ओंकार सोनू, निंबा पाटील, मनोहर वाणी, शंकर कामलेकर, शांताराम महाजन, शेख फरीद और मनीषा रायबागकर शामिल हैं।

करीब ढाई साल पहले संस्था में 9 करोड़ रुपए का घोटाला भी उजागर हुआ था, जिसमें 16 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया और 17.70 लाख रुपए जमा कराए गए थे। हालांकि कुछ राशि जमाकर्ताओं को लौटाई गई, लेकिन कई लोगों की एफडी और नगद राशि अभी भी वापस नहीं मिली है। लगातार ऑडिट और पारदर्शिता की मांगों के बावजूद इसे अब तक पूरा नहीं किया गया।

संचालकों ने कहा कि नियमावली के अनुसार प्रत्येक सदस्य को बैठक की सूचना कम से कम 14 दिन पहले दी जानी चाहिए, लेकिन अध्यक्ष ने मनमाने ढंग से बैठकें तुरंत या एक दिन पहले बुलाई। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद ऑडिट कराना भी अनिवार्य है, लेकिन यह प्रक्रिया आज तक नहीं हुई।

त्यागपत्र में यह भी कहा गया कि संस्था के फोरम की सहमति के बिना किसी भी राशि का आहरण नहीं किया जा सकता, लेकिन अध्यक्ष ने मनमानी करते हुए संस्था के पैसों का उपयोग किया। एफडी धारकों को राशि किस आधार पर वितरित की जा रही है, यह भी गुप्त रखा गया है और संचालक मंडल को जानकारी नहीं दी जा रही।

संचालकों ने इस्तीफा देते हुए पारदर्शिता, नियमावली का पालन और वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की है।