मध्य प्रदेश में नक्शा प्रोजेक्ट शुरू शहरों की जमीनों का रिकॉर्ड होगा डिजिटल
मध्य प्रदेश में शहर की जमीनों का रिकॉर्ड अब डिजिटल किया जाएगा।
इसके लिए केंद्रीय भूमि संसाधन विभाग द्वारा 'नक्शा' (National Geospatial Knowledge based Land Survey of Urban Habitation) कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख ने जानकारी दी कि इसका उद्देश्य शहरी जमीनों का रिकॉर्ड डिजीटल करने के साथ ही उसे आसान बनाना भी है। इससे जमीन के मामलों में पारदर्शिता
आएगी और धोखाधड़ी कम होगी।
प्रोजेक्ट की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रायसेन जिले से की थी। इसमें प्रदेश के 9 जिलों के 10 शहरों को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया है। इनमें उज्जैन जिले से उन्हेल शामिल हैं। वहीं शाहगंज, छनेय, आलीराजपुर, देपालपुर, धारकोठी, मेघनगर, माखननगर (बाबई), विदिशा और सांची कस्बा है। उन्हेल कस्बे के लिए आयुक्त, भू-अभिलेख द्वारा जारी अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित की गई है। इसमें वर्णित क्षेत्र भू-सर्वेक्षण के अधीन अधिसूचित किए गए हैं। इस आधार पर कलेक्टर द्वारा प्रारूप (नियम 14) में सर्वेक्षण संक्रियाओं के प्रारंभ होने की घोषणा की गई है। इसके बाद कस्बा उन्हेल में नक्शा प्रोजेक्ट के तहत कार्य प्रचलित है। भू-सर्वेक्षण के दौरान नवीन अधिकार अभिलेख तैयार किया जाएगा। इसमें सभी खातेदारों के नाम, उनके अंश, दायित्व तथा सुखाचार अधिकार अभिलिखित किए जाएंगे। ग्रामों के लिए निस्तार पत्रक तथा वाजिब-उल-अर्ज भी तैयार किया जाएगा।