मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर लगाई रोक
एमपी हाई कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगा दी है मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा नए नियम को लागू नहीं किया जा सकता। अब अगली सुनवाई तक प्रमोशन में आरक्षण नहीं दिया जाएगा । यह आदेश स्पाक्स संघ की याचिका पर दिया गया।
संघ अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में दलील दी थी कि यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसलिए मध्य प्रदेश सरकार नए नियमों के तहत फिलहाल प्रमोशन में आरक्षण नहीं दे सकती
जस्टिस विनय सराफ और जस्टिस संजीव सचदेवा की डिवीजन बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।
प्रमोशन का नया फार्मूला क्या है
रिक्त पदों को वर्गों में बांटना
जितने पद खाली होंगे, उन्हें SC-ST (16%-20%) और अनारक्षित हिस्सों में बांटा जाएगा।
पहले SC-ST वर्ग के पद भरे जाएंगे, फिर बाकी पदों के लिए सभी दावेदारों को मौका मिलेगा।
2 तरह से बनेगी लिस्ट
क्लास-1 अधिकारी (जैसे डिप्टी कलेक्टर) के लिए लिस्ट मेरिट और सीनियरिटी दोनों के आधार पर बनेगी।
क्लास-2 और नीचे के पदों के लिए लिस्ट सीनियरिटी के आधार पर बनाई जाएगी।
ACR होगी जरूरी
प्रमोशन के लिए कर्मचारी की गोपनीय रिपोर्ट (ACR) का अच्छा होना जरूरी है
पिछले 2 साल में कम से कम 1 रिपोर्ट 'आउटस्टैंडिंग' होनी चाहिए या
पिछले 7 साल में कम से कम 4 रिपोर्ट 'A+' होनी चाहिए।
अगर किसी कर्मचारी की गलती से उसकी ACR नहीं बनी है, तो उसका प्रमोशन नहीं होगा।