मध्यप्रदेश में ट्रैफिक लापरवाही ने बढ़ाई सरकार की आमदनी, पांच साल में 172 करोड़ रुपए से अधिक जुर्माना वसूला गया
MP News: मध्यप्रदेश में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी ने पिछले पांच वर्षों में सरकारी खजाने में भारी रकम डाल दी है। आंकड़ों के मुताबिक 2019 से अब तक 67 लाख से अधिक ई-चालान काटे गए और 172 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व वसूला गया। हाल के 21 महीनों में चालान लगाने की रफ्तार तीन गुना बढ़ गई, इस दौरान 46.75 लाख चालान के माध्यम से 103.08 करोड़ रुपए जमा हुए।
प्रदेश में चालान लगाने का अधिकांश काम ट्रैफिक पुलिस कर रही है। कुल चालानों में करीब 98 प्रतिशत ट्रैफिक पुलिस के हिस्से आए हैं, जबकि ट्रांसपोर्ट विभाग महज 1-2 प्रतिशत ही योगदान दे पाया। पड़ोसी राज्यों की तुलना में यह आंकड़े अलग हैं। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में ट्रांसपोर्ट विभाग ने 97 प्रतिशत और पुलिस ने केवल 3 प्रतिशत चालान काटे। राजस्थान में दोनों के बीच लगभग संतुलन है, पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग के हिस्से लगभग समान हैं।
जनवरी 2019 से सितंबर 2025 तक ट्रैफिक पुलिस ने 65.94 लाख चालान लगाए, जबकि ट्रांसपोर्ट विभाग केवल 1 लाख चालान दर्ज कर सका। केवल 2025 में ही 21.26 लाख चालान लगे, जिससे 47.18 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। चालान लगाने की इस तेजी के पीछे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और रूल 167A का प्रभाव है, जिसमें राज्यों को इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग सिस्टम बढ़ाने के लिए कहा गया था।
ई-चालान के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति देश में 12वें स्थान पर है। जनवरी 2024 से सितंबर 2025 तक 21 महीनों में पुलिस ने 45.76 लाख और ट्रांसपोर्ट विभाग ने केवल 99 हजार चालान किए। अकेले 2025 में पुलिस ने 20.26 लाख चालान लगाए, जबकि ट्रांसपोर्ट विभाग की संख्या सिर्फ 99 हजार रही।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि ट्रैफिक नियमों की अनदेखी न केवल सड़क सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि राज्य के राजस्व में भी बड़ा योगदान कर रही है। ई-चालान प्रणाली के सही उपयोग से यह प्रक्रिया और अधिक प्रभावी हो सकती है और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सकता है।