मध्यप्रदेश सरकार नौ साल बाद देगी कर्मचारियों को प्रमोशन का तोहफा, नया फॉर्मूला तैयार
मध्यप्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को नौ साल बाद पदोन्नति का तोहफा देने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान यह घोषणा की। कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कहा कि कर्मचारियों की प्रमोशन में बाधा बनी हुई थी। कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा और इस बाधा को हटाने का रास्ता निकाल लिया है। मध्यप्रदेश के चार लाख से ज्यादा कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रमोशन का लाभ मिलेगा। मध्य प्रदेश में अप्रैल 2016 के बाद अधिकारियों व कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं हुई है। इसमें कुछ बाधा आ रही थी। पिछले 9 साल से अधिकारी व कर्मचारी अपनी पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में एक लाख से अधिक कर्मचारी व अधिकारी प्रमोशन के इंतजार में ही रिटायर हो गए।
क्यों लगी थी मध्यप्रदेश में प्रमोशन पर रोक
2002 में मध्यप्रदेश में तत्कालीन सरकार ने प्रमोशन के कुछ नियम बनाए थे। इसमें प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान किया गया। ऐसे में आरक्षित वर्ग के कर्मचारी प्रमोशन पाते गए लेकिन अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिला। जब विवाद बढ़ गया तो कर्मचारियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। कर्मचारियों ने अदालत से प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने का अनुरोध किया। अदालत ने तर्क दिया कि प्रमोशन का फायदा केवल एक बार मिलना चाहिए। इन तर्कों के आधार पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को मध्यप्रदेश लोक सेवा नियम 2002 को खारिज कर दिया। इसके बाद सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। शीर्ष अदालत ने भी हाईकोर्ट के निर्णय को मानते हुए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी कर दिए। उसे बाद कर्मचारियों व अधिकारियों के प्रमोशन पर रोक लग गई।
कैसे उठा प्रमोशन इस समय विवाद
पिछले 9 सालों से कर्मचारी प्रमोशन की मांग उठा रहे थे। फरवरी 2025 में विधि विभाग ने 100 से ज्यादा कर्मचारियों को प्रमोशन दे दिया। इसके बाद अन्य कर्मचारियों ने कहा कि जब विधि विभाग प्रमोशन दे सकता है फिर दूसरे विभाग क्यों नहीं दे सकते। इसके बाद सरकार ने कहा कि सभी कर्मचारियों की प्रमोशन का रास्ता निकाला जाएगा। प्रमोशन पर रोक लगे हुए 9 साल हो गए हैं। इस दौरान लगभग एक लाख 50 हजार से ज्यादा कर्मचारी व अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए। इनमें से एक लाख कर्मचारियों को इस समय में प्रमोशन मिलना था। फिलहाल कैबिनेट में इस संबंध में फैसला नहीं लिया है कि यह प्रमोशन कब से लागू होगा। ऐसे कर्मचारी जो प्रमोशन के इंतजार में रिटायर हो गए हैं, उनको यह अधिकार मिलेगा या नहीं, इस बारे में भी जल्द फैसला लिया जाएगा।