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नीची पुलिया और ऊंची सड़कें बना रही किसानों के लिए मुश्किल

 

Burhanpur News:जिले में हर साल तेज बारिश और आंधी ग्रामीण क्षेत्रों में भारी नुकसान पहुंचाती है। खासकर केले की फसल इसका सबसे ज्यादा शिकार बनती है। कई गांवों में सड़कें आसपास के खेतों से ऊँची बनी हैं, जिससे बारिश का पानी सीधे खेतों में भर जाता है। खेत एक-दूसरे के सटे होने के कारण पानी आसानी से निकल नहीं पाता। इसके अलावा नदी-नाले संकरे हैं और उफान पर आने पर खेतों में घुस जाते हैं।

नदी-नालों पर बनी पुलियाओं की ऊंचाई कम होने के कारण तेज बारिश में ये भी पानी में डूब जाती हैं। इसी वजह से किसानों की फसलें जमींदोज हो जाती हैं और नुकसान बढ़ जाता है। मंगलवार को हुई तेज बारिश से भी कई क्षेत्रों में यही हालात बने।

राजघाट के लाल देवल के पास ताप्ती नदी का जलस्तर बुधवार सुबह 219.750 मीटर तक पहुंच गया। यह खतरे के निशान 220.800 मीटर से महज एक मीटर नीचे था। शाम तक जलस्तर घटकर 218.550 मीटर पर आ गया। बाढ़ का पानी घाटों तक पहुँच गया और अगर जलस्तर खतरे के निशान को पार करता है तो निचली बस्तियों के साथ सूरत में भी अलर्ट जारी किया जाता है।

स्थानीय लोग और प्रशासन सतर्क हैं, लेकिन अभी और बारिश होने की संभावना के चलते स्थिति गंभीर बनी हुई है। किसानों को खेतों की सुरक्षा और जल निकासी के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है, ताकि बाढ़ का नुकसान कम से कम हो।