टंकी निर्माण के दौरान नुकसान, 2 साल से रुका काम; ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं
MP News: टीकमगढ़ जिले के सूंडा धर्मपुरा गांव में जल जीवन मिशन के तहत बनी टंकी का निर्माण ठीक से नहीं हुआ। टंकी का स्लैब निर्माण के दौरान ही टूटकर नीचे गिर गया, जिससे साफ पता चलता है कि निर्माण में कमजोर सामग्री और खराब काम किया गया। इस काम में लगभग 63.18 लाख रुपए खर्च हुए, लेकिन इसके बाद दो साल से काम बंद पड़ा है। बावजूद इसके, ठेकेदार पारस इंटर प्राइजेज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
यह स्थिति केवल सूंडा धर्मपुरा की ही नहीं, बल्कि आसपास के कई गांवों जैसे पपावनी, दरयावनगर और चंदेरा में भी देखी जा रही है, जहां टंकी बनने के बाद भी लोगों को नल का पानी नहीं मिल रहा। जल जीवन मिशन का मकसद हर घर तक साफ पानी पहुंचाना है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी के कारण यह योजना सफल नहीं हो पा रही।
सामान्य तौर पर ठेकेदार कम गुणवत्ता वाली सामग्री इस्तेमाल करके काम अधूरा छोड़ देते हैं, और उन्हें कोई सजा नहीं मिलती। सूंडा धर्मपुरा की टंकी में भी ऐसा ही हुआ, जहां काम शुरू तो किया गया लेकिन स्लैब टूट गया और तब से निर्माण रुका हुआ है। अधिकारियों ने ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं लिया गया।
इसके अलावा पपावनी और दरयावनगर के बीच बनी टंकी छह महीने पहले पूरी हो गई, लेकिन अब तक उसे पानी की पाइप लाइन से जोड़ा नहीं गया है, जिससे वह काम नहीं कर पा रही। जिले में जल जीवन मिशन के तहत 625 गांव शामिल हैं, लेकिन अभी केवल 202 गांवों में ही पानी की सप्लाई पूरी तरह शुरू हुई है। बाकी 408 गांवों में काम चल रहा है और 15 गांवों में तो काम भी शुरू नहीं हुआ है।
इस तरह विभाग की लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी के कारण ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या बनी हुई है, जबकि सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।