देरी से रिपोर्टें, त्योहार से पहले नहीं रुकती मिलावट
Badwani News: नवरात्रि के साथ त्योहारी बाजार में भीड़ बढ़ चुकी है और खाद्य सामग्री की बिक्री तेज़ है। पर जिले में खाद्य व औषधीय विभाग द्वारा सैंपल लेकर भेजी गई जांच रिपोर्टें डेढ़ से दो महीने तक देरी से आ रही हैं, जिसके कारण मिलावटी या घटिया सामग्री त्योहारों के दौरान बाजार में बिक कर लोगों के स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर देती है। जब तक रिपोर्ट मिलती है, तब तक दुकानदार सामग्री बेच चुके होते हैं और कार्रवाई केवल जुर्माने तक सीमित रह जाती है।
खाद्य सुरक्षा टीम ने जनवरी से अब तक जिलेभर में 311 नमूने लेकर भोपाल स्थित राज्य खाद्य जांच प्रयोगशाला भेजे थे, जिनमें से केवल 172 की ही रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जांच में 14 सैंपल फेल पाए गए और 17 मामलों में प्रकरण दर्ज किए गए हैं। कुछ मामलों में कुल तीन लाख पचास हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया। पर यह रकम और देर से रिपोर्ट मिलने की प्रक्रिया मिलावटखोरों को उत्साहित कर देती है क्योंकि त्योहारी सीजन में मांग अधिक होने से वे जोखिम उठाकर सामग्री बेच देते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में हाट बाजार और छोटे ठेलों पर खुले में खाद्य सामग्री का निर्माण और पकाना आम दृश्य है। कई दुकानों और छोटे होटलों में तैयारी अस्वच्छ परिस्थितियों में होती है; तेल बार-बार इस्तेमाल किया जाता है और कई बार जला हुआ तेल ही प्रयोग में आता है। ऐसे में केवल चेतावनी देने से काम नहीं चलेगा—कठोर निगरानी और तत्काल बंदिशें जरूरी हैं। प्रशासन द्वारा समय पर रिपोर्ट मिलने और तेज कार्रवाई के अभाव में जागरूक दुकानदार भी नियमों का पालन करने में ढील दिखाते हैं।
अधिकतर सैंपल भोपाल भेजे जाते हैं और रिपोर्टें सामान्यतः पंद्रह दिन में आने चाहिए, पर परीक्षण केंद्रों की भीड़ और त्योहारों के समय नमूनों की संख्या में वृद्धि के कारण देरी दो माह तक हो जाती है। इससे न केवल लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है, बल्कि ईमानदार व्यवसायियों को भी नुकसान होता है। विभागीय अधिकारी मानते हैं कि परीक्षण केंद्रों की संख्या बढ़ने से रिपोर्ट जल्दी मिलेंगी, पर तब तक सावधानी और कड़ी लोक निगरानी जरूरी है।
तुरंत लागू किए जा सकने वाले कदमों में त्वरित परीक्षण किटों का उपयोग, त्योहारी सीजन के लिए विशेष त्वरित अभियान, और अस्वच्छता पाए जाने पर स्थल पर अस्थायी बंदिश व उपचारात्मक कार्रवाई शामिल होनी चाहिए। साथ ही उपभोक्ताओं के लिए सूचना अभियान चलाकर ताजा, स्वच्छ व प्रमाणित उत्पाद चुनने के निर्देश दिए जाने चाहिए।
खाद्य सुरक्षा विभाग का कहना है कि रिपोर्ट मिलने पर ही कानूनी कार्रवाई होती है और आने वाले दिनों में अन्य परीक्षण केंद्र खोले जाने की प्रक्रिया है, जिससे रिपोर्ट मिलने में सुगमता आएगी। पर प्रशासनिक समन्वय बढ़ाकर और स्थानीय निगरानी कड़ी कर दी जाए तो त्योहारों के दौरान नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से सुरक्षित रखा जा सकता है।
उपभोक्ता भी सतर्क रहें: संदिग्ध सौदों से परहेज करें, गंदगी में बने व्यंजनों से दूरी बनाएं और किसी अस्वच्छता पर स्थानीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सूचित करें। स्थानीय मीडिया भी सतर्क रहे।