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बकस्वाहा के जंगलों में मिला रॉक फास्फेट का बड़ा भंडार, जल्द शुरू होगा खनन

 

Chhatarpur News: बकस्वाहा क्षेत्र के सूरजपुरा, सगौरिया, पल्दा और गरदौनियां गांवों में रॉक फास्फेट की बड़ी मात्रा में मौजूदगी की पुष्टि हुई है। भू-वैज्ञानिकों ने 1070 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 57 लाख टन रॉक फास्फेट के भंडार का पता लगाया है। इसके साथ ही पास के सागर जिले के 320 हेक्टेयर क्षेत्र में भी फास्फोराइट की उच्च गुणवत्ता की चट्टानें पाई गई हैं।

भारत सरकार ने इस खनिज के खनन को मंजूरी दे दी है। इसके लिए सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी को तीन साल की लीज दी गई है। यह कंपनी अब खनन की विस्तृत योजना के साथ सैंपलिंग और अन्य जरूरी प्रक्रियाएं शुरू कर रही है। अभी वन एवं पर्यावरण विभाग से अनुमति लेने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद तकनीकी सेटअप, कर्मचारियों की नियुक्ति, अपशिष्ट प्रबंधन, सुरक्षा और परिवहन की व्यवस्थाएं की जाएंगी।

रॉक फास्फेट, फॉस्फोरस का प्रमुख स्रोत है और इसका उपयोग डीएपी खाद, पशु चारा, डिटर्जेंट, सिरेमिक, डाई, रसायन और प्लास्टिक उत्पादों में होता है। इससे किसानों को खाद सस्ती मिल सकती है और स्थानीय स्तर पर उद्योगों की संभावनाएं बढ़ेंगी।छतरपुर जिले में पहले से दो खदानें चल रही हैं। मड़देवरा और लुहानी गांवों में। मड़देवरा में 122 हेक्टेयर और लुहानी में 13.20 हेक्टेयर में खनन हो रहा है। बकस्वाहा में नए भंडार की खोज से जिले को औद्योगिक दृष्टि से फायदा होने की उम्मीद है।