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दिव्यांगों के लिए निर्माणाधीन अंडरपास में रैम्प होना आवश्यक

 

Burhanpur News: नगर में दो साल पहले 38 करोड़ रुपए की लागत से रेलवे ओवरब्रिज बना था। इसके बनने के बाद से पूरा ट्रैफिक इसी रास्ते से गुजरता है। ओवरब्रिज बनने के बाद रेलवे ने पुराने मातापुर बाजार रेलवे गेट को बंद कर दिया था। लोगों की मांग पर यहाँ अंडरपास बनाने का फैसला हुआ और इसका काम कुछ दिन पहले शुरू हो गया है। इस अंडरपास की सीढ़ियाँ 10 फीट गहरी और 16 फीट चौड़ी होंगी।

समाजसेवी संजय टोरानी ने कहा है कि अंडरपास में दिव्यांग लोगों के लिए रैम्प भी बनना चाहिए ताकि वे आसानी से नीचे उतर-चढ़ सकें। उन्होंने इस बात को सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से भी बताया। सांसद ने रेलवे अधिकारियों से इस बारे में बात करने का वादा किया है।टोरानी ने कहा कि अंडरपास से आम लोगों को बहुत सुविधा होगी, लेकिन दिव्यांगों के लिए जगह कम छोड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि दोनों तरफ चार-चार फुट की रैम्प बनाई जानी चाहिए। सांसद ने इसे एक अच्छा सुझाव बताया और अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया।

दरअसल, ओवरब्रिज बनने के बाद पुराने रेलवे गेट बंद होने से मातापुर बाजार की दुकानों को काफी नुकसान हुआ था। लोकसभा चुनाव के दौरान दुकानदारों ने इसका विरोध भी किया था। बाद में रेलवे के डीआरएम भुसावल लोगों से मिलने आए और उन्होंने अंडरपास बनाने का भरोसा दिया।अंडरपास का एक छोर गुरुद्वारा के पास और दूसरा प्रेम मोरे की दुकान के पास होगा। यह अंडरपास लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है, जिससे लोगों को आवाजाही में बहुत मदद मिलेगी।

अभी लोगों को ओवरब्रिज से ही गुजरना पड़ता है, लेकिन अंडरपास बनने के बाद मातापुर बाजार, तहसील रोड, गुरुद्वारा, नेपा मिल और आसपास के इलाकों से आने-जाने वाले लोगों को बड़ी आसानी होगी। खासकर रविवार के हाट बाजार के दिन आसपास के ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोगों को भी राहत मिलेगी।