प्रकृति संरक्षण के लिए गणेश चतुर्थी पर मिट्टी की प्रतिमा स्थापित करें
Chhatarpur News: गणेश जी के जन्म की कथा हमें बताती है कि पार्वती जी ने मिट्टी से गणेश जी का निर्माण किया था, जो यह दर्शाता है कि हमारा शरीर भी मिट्टी से बना है। गणेश चतुर्थी पर हम उनकी मूर्ति स्थापित कर पूजा करते हैं, लेकिन अब हमें पर्यावरण की भी चिंता करनी होगी।
अक्सर प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां बनाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जाता है। इसलिए मिट्टी की मूर्तियां बनाकर उन्हें घर पर स्थापित करना और विसर्जित करना बेहतर है। इससे न सिर्फ हमारे जीवन के विघ्न दूर होंगे, बल्कि प्रकृति को होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा।
गणेश जी विघ्न विनाशक कहलाते हैं, और उनकी पूजा से जीवन के बाधाएं समाप्त होती हैं। लेकिन हमें केवल पूजा करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि खुद भी विघ्न विनाशक बनने का प्रयास करना चाहिए। परमात्मा हमारे जीवन की समस्याओं को खत्म नहीं करते, बल्कि उन्हें दूर करने का ज्ञान और ताकत देते हैं।
जलवायु परिवर्तन और प्रकृति के नुकसान जैसी समस्याएं मनुष्य द्वारा पैदा की गई हैं, जिनसे निपटना जरूरी है।अपने त्योहारों के केंद्र में प्रकृति को रखकर हम ईश्वर से बेहतर जुड़ाव महसूस कर सकते हैं। आइए इस गणेश चतुर्थी संकल्प लें कि हम मिट्टी की प्रतिमा ही घर में स्थापित करेंगे, जिससे पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकें और अपने जीवन में खुशहाली ला सकें।