जिले में 73 जर्जर स्कूल भवन गिराए गए, बच्चे बरामदे, पेड़ और छोटे कमरों में पढ़ाई कर रहे
Chhatarpur News: छतरपुर जिले में शिक्षा विभाग ने एक महीने में 73 जर्जर प्राथमिक स्कूल भवन गिरा दिए हैं। यह कार्रवाई जिला प्रशासन के आदेश पर की गई थी ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। लेकिन भवन गिराने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, जिसके कारण अब कई स्कूलों के बच्चे खुले आसमान के नीचे, बरामदे, पेड़ के नीचे और छोटे कमरे में पढ़ाई कर रहे हैं।
जिले में कुल 104 जर्जर भवनों की पहचान की गई थी। इनमें से 96 भवनों को विभाग के उपयंत्रियों ने जर्जर घोषित किया और 73 को गिरा दिया गया। बाकी भवनों को आने वाले समय में गिराया जाएगा। कई स्कूलों में अब नए भवन का निर्माण नहीं होने से छात्र असुविधाजनक हालात में पढ़ाई कर रहे हैं।
उदाहरण के लिए, राजनगर विकासखंड के चौका कोड़न प्राथमिक स्कूल में एक से पांचवीं तक 59 छात्र हैं। स्कूल का पुराना भवन गिरा दिया गया है और अब उन्हें 100 वर्ग फीट के कमरे में पढ़ाया जा रहा है। इस वजह से शिक्षक बच्चों को गांव के चबूतरे पर बैठाकर पढ़ा रहे हैं। बरसात में बच्चों को स्कूल बंद करना पड़ता है।
कैरवारा प्राथमिक स्कूल में 98 छात्र पढ़ते हैं। भवन जर्जर होने से केवल दो कमरे बचे हैं। इसलिए कक्षा 4 के छात्र बरामदे में और कक्षा 5 के छात्र पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। बूदौर पंचायत के उदयन पुरवा प्राथमिक स्कूल के 79 छात्रों को आंगनबाड़ी केंद्र के छोटे कमरे में पढ़ाया जा रहा है। कमरे में सामग्री रखी होने के कारण बच्चों को बैठने में समस्या हो रही है।
जिला प्रशासन ने सभी जर्जर स्कूल भवनों को गिराने के बाद बच्चों को आंगनबाड़ी या पंचायत भवन में शिफ्ट कर दिया है। नए भवनों के लिए प्रस्ताव प्रदेश शासन को भेजा जा चुका है। जैसे ही राशि आवंटित होगी, वहां निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
इस कदम से बच्चों की सुरक्षा तो सुनिश्चित होगी, लेकिन पढ़ाई की सुविधा में कमी के कारण असुविधा बनी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही नए भवनों का निर्माण पूरा कर बच्चों को बेहतर शिक्षा वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा।