{"vars":{"id": "115716:4925"}}

मध्य प्रदेश में लर्निंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, वाहन ट्रांसफर जैसी 50 से अधिक सेवाएं अब घर पर,आरटीओ ऑफिस जाने की कोई जरूरत नहीं

 

मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने अब 31 नई सेवाओं को भी फेसलेस कर दिया है। अब कुल 51 सेवाओं का लाभ लोग घर बैठे ऑनलाइन ही उठा सकेंगे। इनमें ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण, लर्निंग लाइसेंस जारी करना, वाहन रजिस्ट्रेशन वाहन का ट्रांसफर जैसी अनेकों सेवाएं शामिल है।

आवेदन करने वाले को अब लोकल आरटीओ ऑफिस नहीं जाना होगा । ऑनलाइन प्रक्रिया में आवेदन करने वाले के मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा जिस से दलाल या अधिकारी का हस्तक्षेप नहीं हो सकेगा।

नई सुविधाओं के शुभारंभ के लिए भोपाल के कोकता क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में कार्यक्रम हुआ। इसमें परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि अगले एक-दो साल में आरटीओ दफ्तरों को पासपोर्ट ऑफिस जैसा बनाएंगे।

ये सभी सुविधाएं अब ऑनलाइन

1. लर्निंग लाइसेंस संबंधी सेवाएं : नया लर्निंग

लाइसेंस बनवाना, इसमें पता/नाम/फोटो बदलना, डुप्लीकेट बनाना या इसकी प्रमाणित प्रति लेना।

2. ड्राइविंग लाइसेंस : रिन्यू करना, पता/नाम/

जन्मतिथि/फोटो बदलना, डुप्लीकेट जारी करना, प्रमाणित प्रति लेना, अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट जारी करना, लाइसेंस से वाहन की श्रेणी हटाना, खतरनाक सामग्री वाले वाहन चलाने की अनुमति लेना, सैनिकों को नया डीएल जारी करना।

3. वाहन रजिस्ट्रेशन : अस्थायी पंजीयन, पूरी

तरह निर्मित वाहन का पंजीयन, डुप्लीकेट पंजीयन प्रमाणपत्र, सभी प्रकार का टैक्स और फीस जमा करना, वाहन की एनओसी जारी करना, पंजीयन प्रमाणपत्र में पता बदलना, वाहन ट्रांसफर, वाहन डीलरों का ट्रेड सर्टिफिकेट रिन्यू करना, डुप्लीकेट फिटनेस सर्टिफिकेट।

4. परमिट संबंधी सेवाएं :

नया परमिट जारी करना, रिन्यू करना, डुप्लीकेट, वाहन नो-यूज की सूचना देना, परमिट सरेंडर करना, ट्रांसफर करना, ऑथराइजेशन का नवीनीकरण, अस्थायी/स्पेशल परमिट जारी करना।

कंडक्टर लाइसेंस संबंधी सेवाएं, टैक्स भुगतान, यात्री बसों का शादी/पार्टी के अस्थाई परमिट जारी

ऑनलाइन आपत्ति दर्ज होगी... टीसी ऑफिस से मॉनिटरिंग


ऑनलाइन आवेदन में गलती होने पर पोर्टल पर आपत्ति दर्ज होगी। सूचना आवेदक को रजिस्टर्ड मोबाइल पर एसएमएस से मिलेगी।

सुधार भी ऑनलाइन ही करना होगा। जो लोग प्रक्रिया खुद नहीं कर सकते, वे तय फीस देकर एमपी ऑनलाइन या सीएससी सेंटर से आवेदन कर सकते हैं।

प्रदेश में ऐसे एक लाख से ज्यादा सेंटर हैं, जिनका वाहन और सारथी सिस्टम से इंटीग्रेशन लगभग पूरा है। इन सेवाओं की मॉनिटरिंग ट्रांसपोर्ट कमिश्नर करेंगे।